दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Thursday, April 1, 2010

गट्टे की खिचड़ी .......

गट्टे की खिचड़ी .......
गट्टे के लिये..........
 100 ग्राम बेसन
चौथाई चम्मच हल्दी
नमक
 पिसी मिर्च
 जीरा राई
2 चम्मच तेल
4 कलियां पिसा लहसुन
चुटकी भर गरम मसाला
       बेसन में लहसुन ,नमक मिर्च जीरा ,गरम मसाला और बंद मुठ्ठी मोयन  तेल डाल कर आटा गूंध लें  व लम्बे गट्टे बनाकर तेज धार चाकू से छोटे छोटे काट लें । इन गट्टों को गरम तेल में तलकर निकाल लें।

खिचड़ी के लिये...........
1 कप हाई किंग चावल
2 हरी मिर्च
1 इंच अदरक
4 कलियां पिसा लहसुन
हरा धनिया
पुदीना
आधा चम्मच गरम मसाला
2 चम्मच पिसा धनिया

 हींग जीरा
1 तेज पत्ता
2 लौंग
1 प्याज बारीक कटा

                चावल को आधा घंटे पहले अच्छी तरह धोकर भिगोकर रखें ।
 भारी तली की कड़ाही में तेल डालकर  बघार के लिये राई जीरा ,तेज पत्ता लौंग ,हरी मिर्च व अदरक कीस कर ,प्याज डालें।चावल में नमक मिर्च धनिया गरम मसाला हल्दी मिला दें। अब  इसे तेल में छौंक दें । साथ ही तले हुए गट्टे भी डालकर 2 कप पानी डालें । अब लहसुन डालें । एक उबाल आने पर हिलाकर ढ़ककर आंच धीमी कर के पकने दें।जब चावल हल्के से पकने रह जाए या थोड़ कटकटे रह जाये तब आंच बंद कर दें ।
 एक डोंगे में निकाल कर हरा धनिया व पुदीना से सजा कर परोसें । यह बढिया राजस्थानी व्यंजन है । खाने वाले को  अवश्य ही पसंद आयेगा।
........................किरण राजपुरोहित नितिला

7 comments:

अजित वडनेरकर said...

vaah ...kya laziz dish hai..
shukriya

Anonymous said...

अछ्छा लगा.मै बनाता हू

अविनाश वाचस्पति said...

गट्टे की खिचड़ी भी आज ही ... अभी तो मूर्ख दिवस से निपटे हैं ... वहां कम गट्टे थे जो यहां भी वहीं ... खैर ... हम तो

Udan Tashtari said...

अजीत जी ने आज बज़्ज़ पर सिखला दिया था गट्टे की खिचड़ी.

Anonymous said...

jarur banayegae
blog par likhnae kae liyae thanks

Shekhar Kumawat said...

बेहतरीन

http://kavyawani.blogspot.com/

shekhar kumawat

Asha Joglekar said...

गट्टे की खिचडी भी .......बनाकर देखते हैं ।