दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Friday, May 2, 2008

कभी कभी फल ऐसे खा कर देखे

आम
केला
अंगूर
अनार
आम और केले को छील के काट ले
एक ग्लास मे नीचे आम के टुकडे
उसके ऊपर केले के टुकडे
उसके ऊपर अंगूर
और सब से ऊपर अनार के दाने डाल ले

एक बर्तन मे
एक छोटा चम्मच संतरे का रस या ओरेंज स्क्वैश
एक छोटा चम्मच लेमन का रस या लेमन स्क्वैश
एक छोटा चम्मच शहद
डाल कर खूब मिलाये
और फिर इस मिक्सचर को फलो से भरे गिलास मे डाल दे
मिक्सचर इस तरह डाले की सब फलो पर कोटिंग सी हो जाए ।

एक नॉन स्टिक बर्तन को गरम करके उसमे मे एक छोटी चम्मच ओलिव आयल या धारा डाले । जब आयल गरम हो जाये तो इसमे गुड़ की शक्कर एक छोटी चम्मच डाले । इसमे आधा आधा छोटी चम्मच लेमन स्क्वैश , शहद , ओरेंज स्क्वैश की डाले और खूब तेज तेज चलाये । जैसे ही ये गाढा होने लगे इसको भी फलो के ऊपर डाल दे । अब इस ग्लास को फ्रीज मे रख दे ठंडा होने के लिये ।
जब फल के ऊपर गुड की लेयर जब जम जाए तो ये तैयार हो गया हैं । कई बार गुड का मिक्सचर सही ना बनने के कारण जमता नहीं हैं तब भी स्वाद मे कोई फरक नहीं पड़ता हैं हाँ जमने से एक टॉफी { caramelized } जैसा स्वाद भी आता हैं जो बहुत मज़ा देता हैं ।
टिप
ग्लास को जल्दी ठंडा करने के लिये फल डालने से पहले उसमे बर्फ भर ले या उसे पहले से फ्रिज मे रख दे लेकिन फल डालते समय ग्लास मे पानी बिल्कुल ना हो ।

अगली विधि अनिता जी बतायेगी !!!!!!!!!!! गर्मी मे सब को बारी बारी खाना बनाना होगा । ये सही है की ये ब्लॉग { परिवार } एक जोइन्ट फैमिली हैं और ये भी सही हैं की आप आज कल examination की कॉपी जांच रही हैं पर घर के सदस्यों को आप की विधि का इंतज़ार हैं !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

7 comments:

annapurna said...

पढ कर तो मज़ा आ गया स्वाद पता नहीं कैसा होगा।

Ila's world, in and out said...

तबियत ठीक होते ही आपकी रेसिपी बना कर देखेंगे,वैसे बहुत ही यमी-यमी लग रही है.

Anonymous said...

are wah bada hi saral aur khubsurat lajiz post hai,jarur try karenge.mouth caramalized ho gaya,falon ki mithas ghulne lagi hai.

रंजू भाटिया said...

बहुत ही स्वस्थवरदक और पौष्टिक लग रही है पढने में ..इसको बना के खा के फ़िर बताते हैं आपको .रचना की कैसी लगी हमे

Anita kumar said...

जी हजूर आप का हुकुम सर आखों पे…इतवार के दिन हमारे घर पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया है वो निपट ले तो बस सोमवार को हम पोस्ट करेगें गर्मीयों को ध्यान में रखते हुए।

Udan Tashtari said...

जी, कोशिश करता हूँ कि जल्द ही ऐसे फल खाकर देखूँ.

Asha Joglekar said...

वाह भई मजा आगया पढकर ही बनाना ही पडेगा अब तो ।