दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Sunday, July 6, 2008

" चटपटी औरेंज फ्राईज़ विद मूली के पत्ते की चटनी " का फलसफा

" चटपटी औरेंज फ्राईज़ विद मूली के पत्ते की चटनी " के फ़लसफ़े को देखे । पूनम को धन्यवाद की उन्होने इसको बनाया और सचित्र प्रस्तुत भी कर दिया ।
फलसफा

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