दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Monday, July 7, 2008

गोलगप्पे कैसे बने—

1. आधा कप सूजी,आधा कप मैदा ,तीन च बडे ,बोतल वाला सोडा ,नमक मिलाकर गूध ले तथा गीले कपडे मे लपेटकर दस मिनट के लिये रख दे ।फिर गोलगप्पे बेलें या बडा ,सा बेल कर किसी ढक्कन से काटे व गीले कपडे से ढक कर रख दे ।अब तेल गरम कर उसे तलें।
जल जीरा- मौसम के हिसाब से गर्मियों मे आम का आम को उबाल ले फिर पानी मे मसलकर पानी बढा लेंअब सफेद नमक ,काला नमक ,भुनाजीरा पुदीना पेस्ट,तोडानीबू निचोडें।
,बाकी मौसम मे इमली का .।एक घंटे के लिये बिना बीज वाली इमली पानी मे भिगा दे फिर मसलकर उसका पानी बनाकर उसमे सफेद नमक ,काला नमक ,भुनाजीरा पुदीना पेस्ट,तोडानीबू निचोडें।
गोलगप्पे मे भरने के लिये सफेद मटर रात मे या 4-5 घंटे पहले
भिगा दे अब उबल ले ,कुछ आलू उबाल ले दोनो को मिलाकर नमक मिर्च मिला लें अब गोलगप्पे भरें अब गपागप खायें

14 comments:

Anonymous said...

wonderful padma , aap kya kya banaa laetee haen

Anita kumar said...

vaah yeh toh bahut swaadisht lag rahaa hai, muhn mein paani aa rahaa hai

रंजू भाटिया said...

वाह मुहं में पानी आ गया ..

Arun Arora said...

बढिया जी और खुद को गोलगप्पा बनाने के लिये मौके बेमौके ठूस ठूस कर खाये लेट जाये पेट/तोंद पर हाथ फ़ेरे, ध्यान रखे इस प्रक्रिया मे ज्यादा हिलना डुलना वर्जित है , पैदल चलने से परहेज करे , दो महीने के परिश्रम के बाद आप एक शानदार खूबसूरत तोंद के मालिक होंगे :)

Anonymous said...

wah gol gappe ki receipe :):) ma fav thanks

शायदा said...

मैं हमेशा गोलगप्‍पों को देखकर उन्‍हें बनाने की विधि के बारे में सोचती थी। कई बार इस बारे में पढ़ा और लगा अरे ये तो इतना आसान है, लेकिन फिर भी बना नहीं सकी। आज भी ऐसा ही हुआ। लेकिन इसे सेव कर लिया है अपने पास। शायद कभी बना सकूं।
हां अरुण जी की टिप्‍पणी पढ़कर मेरा ज्ञान बढ़ा, शुक्रिया सर।

Anonymous said...

अरुण सोचती हूँ की आप से कैसे रेकुएस्ट करू की पंगे ना मिले कुछ सही रेसिपे मिले
उम्मीद करू या ना करू बड़ी दुविधा मे हूँ , कहते हैं ना चोर चोरी जाये ...................

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

wow , ye ti bade easy lag rahe hain try karungi

PD said...

अजी हम तो पहले बस मशाला और पानी तैयार करके और गोलगप्पे की पूरियां बाहर से खरीद कर खा लेते थे..
इस साप्ताहांत पर अब खुद सारा कुछ बनायेंगे.. :D

अजित वडनेरकर said...

गोलगप्पे तो बहुत आसान हैं भई....

Ila's world, in and out said...

लो खा गये,गप्प्प्प्प्प से ! ज़बान खुल गई.धन्यवाद पद्माजी आप ने मौसम की चीज़ खिला दी.

Arun Arora said...

रचना जी मै जरूर और शानदार जानदार चटपटी रेसीपी भेजूगा पर अभी बहुत व्यस्त हू , कुछ दिन की मोहलत दे

Arun Arora said...

हो सके तो आज बताई रेसीपी का रिजल्ट भी बताये जी :)

मीनाक्षी said...

कभी बनाया करते थे...अब तो पढ़ कर मुँह मे पानी आ रहा है...अभी निकल रहे हैं खाने... :) बनाएँगे तो खाते की तस्वीर लगाएँगे...