दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Saturday, August 30, 2008

चावल के मोदक या स्वीट राइस डंपलिंग


सामग्री :

चावल का आटा १ कटोरी
पानी २ कटोरी
एक चुटकी नमक
घी २ चम्मच
भरावन के लिये
कसा हुआ कच्चा नारियल २ कटोरी
दूध १ कप
चीनी डेढ कटोरी ( गुड भी ले सकते हैं )
इलायची पाउडर आधा चम्मच
काजू के टुकडे १०-१२
किसमिश १०-१२

कसा नारियल, चीनी और दूध मिलाकर एक कढाई में गैस पर रख कर पहले तेज आच पर गरम करें जब गाढा होने लगे तो आंच कम कर दीजीये सूखने तक चलाते रहिये । नीचे उतार कर इलायची और काजू तथा किशमिश मिला लें । भरावन तैयार हुआ ।

अब पानी उबलने को रखें, उबाल आनेपर आधी कटोरी पानी अलग रख लें । बचे पानी में नमक और घी डालें ।अब गैस बंद करें और धीरे धीरे चावल का आटा डाल कर चलाते रहें । गुथे हुए आटे की तरह होना चाहिये जरूरत होने पर अलग रखे पानी मे से थोडा पानी मिलायें । अब गेस फिर से जला लें । और ढक्कन रख कर
भाप आने दें । ३-४ मिनिट बाद गैस पर से उतार लें । थोडा कम गरम रहते हुए

एक बार अचछी तरह गूंथ कर छोटी गोली बना कर हाथ पर फैला लें, हाथ में घी लगा लें उस से आसानी रहेगी । जितना हो सके उतना पतला फैलाएं । फिर उस पर एक चम्मच भरावन रख कर सब तरफ से इकट्ठा कर मंदिर के कलश की तरह ऊपर से बंद करें । ऐसे सारे मोदक बना कर फिर एक बार स्टीम करें। इसके लिये कुकर में नीचे पानी डाल कर उस पर एक छलनी रखें और उस पर एक साफ कपडा गीला कर के फैला दें अब सारे मोदक इस पर रख कर ढक्कन लगा दें, ८ से १० मिनिट स्टीम करें । एक थाली में सजा कर श्री गणेश का भोग लगायें । ।

Friday, August 29, 2008

जापानी खाना चित्रों मे

जापान मे काम की भागम भाग मे लोग घरो मे खाना ना बना कर बाहर ही खाना खाते हैं । सुबह सवेरे नहा धो कर ७.३० बजे तैयार हो कर घर से निकले , अपनी पसंद का खाना चुना , कैफे मे गए , आर्डर दिया , खाना खाया , पैसे दिये और दफ्तर के लिये दौड़ लगाई । वही शाम को वापसी पर या तो खाना खाया या पेक कराया और घर वापिस । न बर्तन धोने का झंझट ना पकाने की परेशानी क्युकी इतना काम हैं की खाना केवल प्रक्रिया हैं पेट पूजा की ।

और खाना आर्डर करना निहायत आसन , आप को अंदर जा कर मेनू कार्ड देखने की जरुरत नहीं होती , सब कुछ पक कर जैसा लगेगा , बाहर शो विण्डो मे सजा होता हैं । आप बस अपनी जेब देखे , जितने येन { जापानी करंसी } आप के पास हैं उसके हिस्साब से खाने के नीचे लिखे हुए दाम को काउंटर पर रखे और अपनी पसंद का खाना खाये ।

कुछ चित्र हैं आप लोगो के लिये , मुंह मे पानी आ जाता हैं इनको देख कर जबकि ये असली नहीं हैं वरन रेप्लिका हैं असली खाने के



Wednesday, August 27, 2008

कलकत्ता का चुरमुर


यहाँ दुबई में बैठे बैठे जब भी कलकत्ता की याद आती है ,तब साथ ही याद आता है चुरमुर ,पुचका का स्वाद जो की हमेशा से ही मेरी कमजोरी रही है। इसलिए चुरमुर अब घर में ही बनाना शुरू कर दिया है जो इतना मुश्किल भी नहीं है ...
इसके लिए पहले रात भर भिगोये हुए लाल चने उबाल लें,आलू भी उबाल कर अलग रख लें. बेसन की पकोडियां तल कर ,गुड की डली से मीठे बने पानी में भिगो दें. पानी में गुड कम से कम २ डली डालें , ताकि पानी अच्छे से मीठा हो जाए ,फ़िर उसमे पकोडियां भिगो दें .इमली पेस्ट में थोडी चीनी डाल कर अलग रख लें .तली हुई पापडी और बारीक कटी हुई धनिया पत्ती भी अलग रख लें .अब एक बर्तन में आलू और उबला लाल चना mash करें , उसमे मीठे पानी में भीगोई हुई पकोडियां mash करें , बचा हुआ मीठा पानी भी थोड़ा मिला लें , इसमे नमक ,काला नमक , पीसा हुआ भुना जीरा , चाट मसाला और पीसी हुई लाल मिर्च पाउडर मिलाएं .इमली पेस्ट मिलाएं ,१ निम्बू का रस डालें , और पापडी चूर कर डाल दें .तुंरत serve करें , ताकि पापडी नरम ना पड़े .ऊपर से धनिया पत्ती बुरका दें .इस चाट का असली मज़ा पत्तल से बनी हुई कटोरियों में चाट चाट कर खाने में ही आता है .

Tuesday, August 26, 2008

मटर की कचौरी


मैं आज अपनी सबसे हिट रेसेपी दे रही हूँ जो की परिवार वालों को इतनी पसंद है कि जब भी कचौड़ी बनाती हूँ ,किसी से ,बनने तक के समय का सब्र नहीं होता ,और हर २ मिनट में सब चौके में आकर देख जाते हैं कि कितनी बन गई.......
इसके लिए पहले मुलायम मटर को उबाल कर दरदरा पीस लें . फ्रोजेन मटर की पैकेट का भी उपयोग कर सकते हैं ; ये उबले हुए ही मिलते हैं और इन्हे सिर्फ़ दरदरा पीसने की जरुरत होती है . एक कढाई में सौंफ और जीरा का छौंक डाले ,और मटर सेंकें .१५ मिनट में मटर की नमी सूख जायेगी .इसमे स्वादानुसार नमक , हल्का गरम मसाला डालें और सेंकें .आँच बंद कर के इसमे काला नमक डाले ,जिससे नमक की खुशबू बनी रहेगी .फिर मैदा गूँथ लें . २ कप मैदे में ,करीबन १\२ कप तेल और १ छोटा चम्मच नमक डालते हैं. गूथें मैदे में से रोटी जितनी की लोई लें और उसे अच्छी तरह चपटा कर के मटर भरे .इस मटर भरे लोई को अच्छी तरह पानी लगे हाथों से सील करना है नहीं तो ये तलते समय फट जाएँगी और मटर बाहर आ जाएगा . सारी कचौड़ियों को अच्छी तरह सील कर के बिल्कुल कम आँच पर तलनी हैं...... नहीं तो तेज़ आँच पर तलने से कचौड़ी अन्दर से कच्ची रह जायेगी और बाहर से पकौडी की तरह फूल जायेगी . कम आँच में तलने से करीबन १० मिनट लग जाते हैं.रंग आने पर उतार लें , और धनिये की हरी चटनी के साथ परोसें।