दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Friday, April 25, 2008

खस - खस की सब्जी , बाजरे की रोटी के साथ :

खस - खस की सब्जी , बाजरे की रोटी के साथ :

सबसे पहले, बाजरी की रोटी ( गुजरती लोग इसे "रोटला " कहते हैं )

बाजरी का आटा साफ पानी से बना कर रखा लें । हाथ लगाने पर ये तैयार आटा मुलायम लगेगा -- फ़िर उसी से मोटी सी रोटियाँ बना कर हल्की आंच पर सेंक लें , हर तरफ़ से सेंक लें।
खस -खस : ( which is poopy seed ;-)) जी हां !! ये वही पॉपी माने खस खस के बारीक दानें हैं जिस का उपयोग poppy seed muffins में भी किया जाता है।
Soak १ /२ की.ग्राम खस खस के दाने, रात को भिगो दें - दूसरे दिन सुबह , हो सके तो पत्थर की सील बट्टे पर , इसे बारीक पीस लें , अगर ग्राँइडर मशीन है तो उसी में पीस लीजिये।--

फ़िर इस पीसे हुए खस के गाढे पदार्थ को सहेजें अन्य मसाले --- Mint माने पुदीना १ छोटी गड्डी , २० जितने पत्ते , हरी मिर्च , अदरक का Ginger = अदरक ka १ /2 इंच जितना टुकडा - इन्हें भी पीस लें , १ बड़े सुफेद प्याज के साथ, अगर छोटे प्याज हों , २ लीजिये --

बनाने की विधि --- १ कड़ाही में तेल गरम करें जिसमें, अदरक ,कटे हुए प्याज जीरे के साथ डालें -- इसे अच्छी तरह भून लें , फ़िर, पुदीने के पत्ते खस - खस के पीसे हुए , मावे के साथ , मिला लें , सारा मिश्रण अच्छी तरह मिला लें और १/२ कप पानी मिला लें -- ताप को कम करें , पानी इतना हो जितना हम चावल को पकाने के लिए मिलाते हैं जिससे , खस खस अच्छी तरह , चढ़ जाए, ताप हल्का ही रखें अगर आपके पास कोयले की सिगडी है तो और भी अच्छी तरह मध्यम आँच पर ये सब्ज़ी बहुत अच्छी तरह पक जाती है

दो चम्मच तेल मिलायेँ और हल्की आँच पर पूरी तरह से इसे पकने देँ -- खस -खस २५ मिनटों में तैयार हो जायेगी ।

इसे चूल्हे से उत्तर कर हर धनिया और लाल मिर्च ऊपर डालें और बाजरे की रोटी जिस पहले ही आपने तैयार रखीं हैं उनके साथ इस सब्जी को गरमा गरम परोसें --

Enjoy a most UNUSUAL Dish !! Bona pattetite !!

Thursday, April 24, 2008

पनीर की झटपट तैयार होने वाली चटपटी सब्जी

पनीर २५० ग्राम { हमारे यहाँ इतना ही मंगाते है एक बार मे !!!!!!!!!!}
टमाटर ३ बीच की साइज़ के { तौल नहीं दे पाउंगी !!!!}
प्याज २ बीच की साइज़ के
हरीमिर्च ३-५ स्वाद के हिसाब से
साबुत सूखी लाल मिर्च २
अदरक १ छोटा टुकडा
लहसुन की २ पत्ती { हम अपने यहाँ गमले मे लहसुन बो लेते हैं और उसकी हरी पत्ती को इस्तमाल करते हैं }
प्याज की २ पत्ती { आप स्प्रिंग onion ले सकते है }
नमक , हल्दी , पीसी लाल मिर्च सब स्वाद के हिसाब से
olive आयल या धारा ४ बडे चम्मच
हरे धनिये , पुदीना और तुलसी कि पत्ती
पनीर को हाथ से तोड़ ले छोटे छोटे टुकडों मे , टमाटर और प्याज के भी टुकडे करले और सारी सामग्री मिक्सी मे डाले , इसमे उपर दिये गए सब मसाले भी डाले , लहसुन और प्याज के पत्ते भी । अब इसमे olive आयल या धारा ३ चम्मच डाले । आयल भी मिक्सी के जार मे ही पड़ेगा , और फिर इसमे अंदाज से पानी डाले { २ -५ छोटी चम्मच } और इसको मिक्सी मे हल्का दरदरा पीस ले जिस से प्याज और टमाटर और मसाले पनीर के साथ पूरी तरह पिस जाए ।
एक नॉन स्टिक कढाई को खूब गरम करके बचा हुआ आयल उसमे डाल दे और फिर पनीर का मिक्स उसमे डाले । अगर बहुत गाढा हो तो थोडा पानी डाले और फिर ३-५ मिनट तक पकाए , जैसे ही सब्जी मे आयल का रंग लाल हो जाए , उतार कर , हरे धनिये , पुदीना और तुलसी कि पत्ती से गार्निश करे ।

कभी कभी २-४ काजू किशमिश भी साथ मे पीस ले हर बार स्वाद फर्क हो जायेगा
इसको बनाने मे समय बहुत कम लगता हैं सो बचे हुए समय मे जाए और सब के ब्लॉग पर टिपण्णी करे !!!!
एक कुकिंग टिप
तुलसी की पत्ती का इस्तेमाल करे धनिये और पोदिने की पत्ती की जगह या उसके साथ , स्वाद के साथ गुण भी बहुत होते हैं ।

Tuesday, April 22, 2008

बैंगन चना मसाला....फ्रॉम मुलतान:)




बैंगन चना मसाला ...आपने इसका नाम सुना है ? मैंने नही सुना था जब आज से २५ साल पहले मेरी शादी हुई तब :) यह एक मुलतानी सब्जी है मतलब मुलतान में रहने वाले इसको शायद बनाते होंगे ॥मेरे ससुराल वाले वहीं से हैं सो मैंने नाम दिया है इसको मुलतानी बैंगन चना मसाला :)
मुझे खाना बनाना आता था पर अक्सर मम्मी के घर दो और छोटी बहने थी वह हमे रोटी बनाने का काम दे देती थी सब्जी बनाने का मौका मुझे कम ही मिल पाता था यह उनकी चालाकी थी कि रोटी बनाने में ज्यादा देर गैस के सामने कौन बैठा रहे ऐसा उन्होंने मुझे शादी के बाद बताया जब रोटी उन्हें बनानी पड़ी :) खैर ससुराल में तो दोनों ही मुझे बनाना था ॥यहाँ पर कुछ दिन तो वही बनाया जो मम्मी के घर में बनता था ..एक दिन सासू माँ बोली कि चने -बेंगन मसाला बनाओ आज जल्दी से बन जायेगा चने तो उबले पड़े ही हैं ....मुझे लगा कि चने अलग और साथ में बेंगन की सब्जी अलग बनानी है ..जल्दी कैसे बनेगा यह ? सोचते सोचते .रसोई में आ करे चने का मसाला बनाने लगी ही थी कि सासू माँ बोली यह मसाला किस किए ..मेरे ससुराल में प्याज इस्तेमाल नही होता सो सिर्फ़ अदरक और टमाटर का मसाला बनाते हैं ..मैंने कहा चने के लिए बना लूँ फ़िर बेंगन के लिए अलग से बनाती हूँ ...वह हंसने लगी और समझ गई कि मुझे यह बनानी नही आती ..और उन्होंने फ़िर मुझे उसको बनाने का तरीका बताया ...४ सदस्यों के लिए यह विधि है और बहुत आसान और जल्दी से बनने वाली :)

इसके लिए आपको चाहिए ..

१:उबले हुएसफ़ेद चने ..२ कटोरी ..यदि आप चने वैसे बना रही हैं तो दो कटोरी अलग से इस सब्जी के लिए रख सकती हैं ..:)
२ एक मध्यम आकार का बेंगन गोल भड़ते वाला
३:)एक छोटा अदरक का टुकडा
४:)सरसों का तेल २ बड़े चम्मच
५:)एक या दो हरी मिर्च
६:)जीरा एक चम्मच
७:)हींग चुटकी भर
८:)नमक स्वादनुसार
९:)लाल मिर्च आधा चम्मच
१०::)हल्दी चोथाई चम्मच
११::)सूखा धनिया आधा चम्मच

और खूब सारा हरा धनिया :) मुझे बहुत पसंद है आपको पसंद है तो डाले जरुर

चने आपके पास पहले ही उबले हुए हैं , तेल को अच्छे से लोहे की कड़ाई में गर्म करके उस में जीरा हींग चटका ले , फ़िर हल्दी और सुखा धनिया डाल करे चने डाल दे .थोडी देर इसको इस में अच्छे से हिला करे मिलाये फ़िर छोटे छोटे टुकड़े में कटे हुए बेंगन इस में मिला के अच्छे से हिला दे ...अब डाले सारे मसाले कसा हुआ अदरक बारीक कटी हरी मिर्च औरइसको १५ से २० मिनट तक धीमी आंच में पकने दे .चने गले हुए हैं बैंगन जैसे ही इस में मिक्स हो जाए .ऊपर से हरा धनिया डाल के परोसे .झटपट बनने वाली सब्जी है और आयरन से भरपूर और बहुत ही अलग सा स्वाद लिए हुए ..बना के बताये आपको कैसी लगी ..पहली बार कोई रेस्पी विधि लिख रही हूँ कुछ गलती रह गई हो तो भी यह बेंगन चना मसाला ठीक और अच्छे बनेंगे क्यूंकि इस में डालने वाला समान सब सही है :)

रंजू भाटिया

एक अपील

एक अपील

दोस्तों

मेरी आप सब से प्रार्थना है कि "दाल रोटी चावल" पर विविध प्रकार के व्यंजन बनाने की विधी देते हुए पोस्ट लिखें।
वैसे तो नेट पर कई ऐसी साइटस है या ब्लोग्स है जहां विविध प्रकार के व्यंजन बनाने के बारे में बताया जाता है। इस चिठ्ठे को कुछ अलग रूप देने के लिए मैं चाहती हूँ की आप व्यंजन के बारे में तो बताएं ही उससे जुड़े किसी संस्मरण को भी अगर जोड़ दें तो बहुत अच्छा होगा। इससे हमें न सिर्फ़ भारत की विविध संस्कृति के बारे में जानने को मिल सकेगा बल्कि आप से और जुड़ने का मौका मिल सकेगा। हमें अपनी जिन्दगी में कुछ अंश तक शामिल होने की इजाजत देगें न?

एक उदाहरण देती हूँ, कुछ महीने पहले बम्बई में ब्लोगर्स मीट हुई थी जब समीर लाल जी आय थे। हम भी उस मीट में गये थे। सभी ब्लोगर्स उत्तर भारतीय थे। वहां शशी जी भी आये थे और साथ में सबके खाने के लिए "लिट्टी" लाए थे। सबने बड़े चाव से खायी। हम शशी जी से भी पहली बार मिल रहे थे और "लिट्टी" से भी जिन्दगी में पहली बार परिचित हो रहे थे।

ऐसी ही अपने देश की कई पाक विधाएं होगीं जो शायद आप आम तौर पर इस्तेमाल करती होगीं और आप को लगे इसके बारे में क्या लिखना पर वो हम जैसे दूर शहरों में बसे अपनी जड़ों से कटे लोगों के लिए एक अनूठी सौगात हो सकती है।
आज कल ज्यादातर नारियां नौकरी पर जाती हैं और नेचुरल है कि घर के कामों में जहां तक हो सके शॉर्टकट ढूढे जाते हैं, हम भी यही करते हैं , ऐसे में खास कर ऐसे व्यंजन जो बहुत लजीज तो होते है पर बहुत मेहनत मांगते है अक्सर नहीं बनाये जाते, ऐसे कितने ही व्यंजन होगें जो शायद अब सिर्फ़ याद भर बन कर रह गये हों, उन के बनाने की विधा बता कर आप पाक विधा का एक रिकॉर्ड बनाने में मदद कर सकते हैं जो भविष्य की धरोहर होगा। जैसे मुझे याद आता है बचपन में हम जब भी देहली जाते थे तो एक भुट्टा बेचने वाला साइकिल पर आता था, साइकिल के कैरियर में एक बक्सा होता था जिसमें मसालेदार रसा होती थी और उबले हुए भुट्टे उस रसा में डूबे होते थे।गरमागरम मसालेदार रसीली छ्ल्ली( जी भुट्टे को यही कहा जाता था) खाने में अश्रुग्रंथी, लारग्रंथी सब ओवरटाइम काम करती थी, और स्वाद आज तक याद है। लेकिन अब हमने सुना कि वहां ऐसे भुट्टे बेचने वाले नहीं आते। हमने घर पर बनाने की कौशिश की पर वो स्वाद नहीं आया। क्या आप में से किसी को याद है ये छ्ल्ली और कैसे बनायी जाती है।
भोजन से हर इंसान जुड़ा हुआ है, इस लिए हमारा आग्रह पुरुष और महिलाओं दोनों से है। आशा है आप जल्दी ही हमें अपनी पाक विधा से चमत्कृत कर देगें और हम भी आप से कुछ सीख सकेगें।

अनिता

Monday, April 21, 2008

दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर

दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर । आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं । रसोई कि मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं । जिनको इस मे हिस्से दारी की कामना हो वह सम्पर्क करे । अनिता सूत्रधार हैं इस ब्लॉग की , जो भी ब्लॉगर इस ब्लॉग मे हिस्सेदारी चाहते हैं उनसे सम्पर्क करे ।
धन्यवाद
रचना