दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Thursday, January 1, 2009

मूंगफली की चकली !

हमारी रसोई बहुत दिनों से खाली पड़ी है, कुछ नया बन ही नहीं रहा है। चलो नए साल के पहले दिन कुछ तो पका लें और जो यह शुरुआत है वह चलती रहे। भला रसोई कभी सूनी भी रहती है। क्या सब आजकल पार्टी मनाने घर के बाहर ही चले जा रहे हैं।
हमने सोचा कि चलो मुंह मीठा ही कर लिया जाए।

सामग्री:
मूंगफली दाने १०० ग्राम,
शक्कर करीब २०० ग्राम,
देशी घी दो चम्मच

विधि:

मूंगफली दानों को पैन में डाल कर भून लें, बिना घी के ही भूने और फिर उनका छिलका उतार कर एक तरफ रख ले। इसको दोनों ही प्रकार से प्रयोग कर सकते हैं। चाहें तो उसको दरदरा पीस लें या फिर दो टुकड़े हो जाएँ ऐसे कर लें।
पैन में थोड़ा सा पानी और एक चम्मच देशी घी डाल कर गर्म करें और उसमें शक्कर डाल दें, उसको बराबर चलती रहें। शक्कर एकदम घुल जाए तो गैस बंद करके उसमें मूंगफली के दाने डाल कर अच्छी तरह से मिला लें। उसको ,चकले पर देशी घी लगा कर जो पहले से ही तैयार रखेंगे, चकले पर पलट कर बेलन से फैला लें। जीतनी मोटी आप रखना चाहें। वैसे १ या २ सेंटीमीटर मोटी ठीक रहती है।

बस तैयार आपकी स्वीट डिश और आप इसको खाए और खिलाएं । कुछ भी बाहर लेने नहीं जाना । सब घर में है और घर में बना कर खाएं और हमें बस बता लें की कैसी लगी?

Wednesday, December 31, 2008

आप सब को नया साल शुभ हो ।

२००९ का आगमन हो रहा हैं
आप सब को नया साल शुभ हो
हमारे देश मे सदा शान्ति रहे और हम हमेशा हर जरुरत पर एक दूसरे के लिये खडे हो
हर आने वाला साल नई उम्मीदे लाता हैं
पर
बीते साल की यादे भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं
यादो को याद रखेगे तो उम्मीदे भी पूरी होगी
क्युकी
आज जो उम्मीद हैं कल वह ही याद होगी
२००८ को याद करते हुए चलिये चलते हैं २००९ मे
सफर यादो से उम्मीदों का