दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Thursday, September 18, 2008

एक परम स्वादिष्ट कविता "अरहर की दाल"

कोई व्यंजन विधि नहीं लाया हूं. आप लोगों के वास्ते हिन्दी के वरिष्ठ कवि श्री इब्बार रब्बी की एक कविता पेश है, जिसे पढ़कर मुंह के स्वादतंतु उत्तेजना की चरम अवस्था को प्राप्त होने लगते हैं और जब तक आप अरहर की दाल को रब्बी साहब की तरह नहीं खा लेते, आपका चित्त अशान्त रहेगा:

अरहर की दाल

कितनी स्वादिष्ट है
चावल के साथ खाओ
बासमती हो तो क्या कहना
भर कटोरी
थाली में उड़ेलो
थोड़ा गर्म घी छोड़ो
भुनी हुई प्याज़
लहसन का तड़का
इस दाल के सामने
क्या है पंचतारा व्यंजन
उंगली चाटो
चाकू चम्मच वाले
क्या समझें इसका स्वाद!

मैं गंगा में लहर पर लहर
खाता डूबता
झपक और लोरियां
हल्की-हल्की
एक के बाद एक थाप
नींद जैसे
नरम जल
वाह रे भोजन के आनन्द
अरहर की दाल
और बासमती
और उस पर तैरता थोड़ा सा घी!

(रचनातिथि: अट्ठारह जनवरी १९८२)

सूजी की खीर

kheer

एक बार मन किया कि इस फोटो को कहीं लगा कर पहेली बूझने को कहूँ कि क्या है?
क्या आपने सूजी का हलुआ बनाया है. सबको खिलाने के बाद और खुद खा लेने के बाद भी बच गया.
एक बेहतरीन डिश बताते हैं. उन्हीं मेहमानों को जिन्हें नाश्ते में हलुआ खिलाया था. खाने के साथ डिजर्ट में सूजी की खीर खिलवाओ.
करना क्या है?
हलुए को लेकर एक पेपर टावेल में थोड़ा दबा कर उसका घी कम लेवें, जितना संभव हो. फिर उसे किनारे रख लें.
एक भगोने में दूध गरम करने चढ़ा दें हल्की आंच पर. धीरे धीरे गुलाबी होने दें उस दूध को. हल्का गुलाबी होने पर यह हलुआ उसमें डाल दें. सबके साथ दूध में मिलाकर चलाते रहें. कई बार टुकडे बन जाते हैं, उन्हें गरम होते होते दो चम्मच के बीच में दबा कर तोड़ दें. अंत में केसर की थोड़ी सी मात्रा-फिर, परोसने के लिए जिस स्टाईल में चाहें.
आशा है, सरलतम डिजर्ट पसंद आया होगा

Monday, September 15, 2008

दम आलू गोभी पनीर

आलू ४ छील कर चाकू से गोद ले
मध्यम आकार का फूल गोभी डंठल हटा कर बिना कटा
पनीर के ४ मोटे मोटे पीस
प्याज २
टमाटर २
हरीमिर्च २
हल्दी पीसी १/२ चम्मच
धनिया पिसा २ चम्मच
लाल मिर्च पीसी १/४ चम्मच
नमक स्वाद अनुसार
सफ़ेद मक्खन २ चम्मच
देसी घी 1 चम्मच
सरसों का तैल ४ बड़ी चम्मच
गोभी और आलू को कुकर मे डाल कर इतना पानी डाले की सब्जियाँ पानी के अंदर हो । अब इनको २-३ मिनट तक प्रेसुरे कुक करे और तुंरत स्टीम निकल कर पानी से निकल ले । पानी को फेके नहीं ।
मिक्सी मे सब मसाले , टमाटर , प्याज और हरी मिर्च डाल कर एक पेस्ट बना ले ।
एक नॉन स्टिक कढाई मे सरसों का तैल गरम करके ये मसाला उसमे डाले । इसको हल्का सा भूने ज्यादा नहीं क्यो की ये सब्जी पकने तक अपने आप भुन जाता हैं ।
अब इसमे बीच मे गोभी और चारो तरफ़ से आलू डाले और पनीर के पीस भी ।
इसमे सफ़ेद मक्खन डाले ताकि रंग गोल्डन हो जाए ।
इसके बाद इसमे अंदाज से vegitable stock यानी वो पानी जिसमे आपने गोभी और आलू उबाले थे डाले । पानी बहुत कम डाले ताकि सब्जी मे करारा पन रहे ।
अब इसको ढक्कन लगा कर उतनी देर पकाए जितना समय का अन्तराल आप को चित्रों मे दिये गए टाइम पर दिख रहा हैं । !!!!!
गोभी , आलू और पनीर को एक बार ही पलटे ताकि क्रिस्प रहे ।
अब इसमे देसी घी डाले और परसे ।
आसान हैं , समय भी नहीं लगता !!!!!!!