दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Saturday, May 10, 2008

ड्रीम लैंड पुडिंग ..

लावण्या जी की तीखी मिर्च रेस्पी के बाद आपको जरुर मीठा खाने की इच्छा हो रही होगी . आज दाल चावल ब्लॉग भोजनालय में पेश है इसकी भी एक विधि ..आजमाये जरुर ..:)..गरमी में ठंडा खाना किसको पसंद नही है .मुझे आइसक्रीम और पुडिंग बहुत पसन्द है .इसको बनाना बहुत ही आसान है ..इसके लिए चाहिए आपको ॥


कस्टर्ड बना हुआ आपके फेल्वर का :).. १/२ किलो
क्रैक जैक बिस्किट्स ..१ पैकेट
वनिला एसेंस कुछ बूंद
क्रीम १ कप
आइसिंग शुगर २ बड़ा चम्मच
पाइनएपल एसेंस कुछ बूंदे
पाइनएपल टीन १ बड़ा
काजू किशमिश ५० से ६० ग्राम
चेरी ४ से ६ नग
लेमन जूस कुछ बूंदे
विधि
बिस्किट को पहले किसी पालीथीन बैग में डाल कर हल्का चूरा कर ले फ़िर इसकी बोरोसिल में एक परत बिछा दे उसके ऊपर पाइन एपल ले टुकड़े बिछा दे फ़िर इसके ऊपर अच्छी तरह से फेंटे हुए कस्टर्ड को डाला दे फ़िर काजू किशमिश की परत बिछा दे और इसको डीप फ्रिज़र में रख दे १० से २० मिनट तक ... अब क्रीम में वनिला एसेंस को और आईसिंग शुगर को लेमन जूस में डाल कर फेंट ले और सेट किए हुए कस्टर्ड के ऊपर डाल दे फ़िर से इसको डीप फ्रीज़र में रख दे .....२० मिनट के लिए आखिर में इसको पाइन एपल और चेरी से सजा ले ..ठंडी मजेदार पुडिंग रेडी है ..खाए और मुझे कमेंट्स कर के बताये की कैसी लगी यह आपको ..:)

रंग बिरंगी मिर्च और दुनिया की सबसे तीखी मीर्च !

मिर्ची हरी हो या लाल , हमें पता है उसका गुन ..किसी भी बानगी में उसकी अहमियत रसोई पकानेवाला जानता ही है , खानेवाला भी खूब पहचानता है !


विश्व में मिर्चों के कई प्रकार होते हैं। पहले हरी मिर्च ही पेड़ पे दीख्लाई देती है और धूप में वही धीरे धीरे लाल हो जाती है । हां , साग सब्जी , तरकारी बेचनेवाले अकसर इसे मसाले के तौर पर , हरे धनिया , अदरख , नीम्बू , लहसुन , पुदीना वगैरह के साथ बेचते हैं।


हरी मिर्च का एक प्रकार है सिमला मीर्च या केप्सीकम जो अब तो कई विविध रंगों में पाई जाती है। लाल, पीला, केसरी, बैंगनी और हरा रंग मुख्यत: पाये जाते हैं ।


ऐसे ही रंगों को यहां एक दिन मैं ले आयी और मेरे अमरीकन दामाद और समधी हमारे घर पहली बार भोजन पर आ रहे थे उनके लिए ये डिश, यूँ ही, अपने आप बनायी जिस को बहुत पसंद किया गया और सराहा गया ।


तो सामग्री नोट करें : रंग बिरंगी मिर्च


सिमला मिर्च : (यथासंभव) हरी, लाल, पीली, केसरीबैंगनी रंगों की --


अगर ये सारे रंग आप को ना मिलें तो भी सिर्फ हरी सिमला मिर्च का उपयोग करके भी आप इसे बना पायेंगें हां , वो इतनी ज्यादह रंगीन डिश , शायद ना लगे -- सभी सिमला मिर्चों को ठीक बीच में काट लें , सीड्स और रेशों को निकाल कर , भीतर के हिस्सों को साफ कर लें -


अन्य सामग्री : उबले आलू, मेश किए हुए, ( २ या ३ ) , पोहे , उबले चावल, मक्के के दाने, हरा धनिया, गाजर के हलवे के लिए जैसी आप छीनते हैँ वैसी , गाजर , तैयार रखें , नमक , हरी मिर्च पीसी हुई, २ नीम्बू के रस , गरम मसाला , जीरे धनिये का पाउडर।


विधि : हरी सिमला मिर्च के दो भाग किये टुकडोँ में, पोहे में सारे मसाले मिलाकर भर दीजिये


लाल सिमला मिर्च में, मक्के के दानों में सारे मसाले मिलाकर भरिये


केसरी सिमला मिर्च में, चावल के साथ सारे मसाले मिलाकर भरिये


बैंगनी सिमला मिर्च में उबले आलू मसाले मिलाकर भर दीजिये ।


अब एक बड़ी सी बेकिंग डिश में, नीचे ओलीव आयल या अन्य तेल लगा कर , सारे भरे हुए मिर्चों केBb को सजा लें , ऊपर


थोडा सी चीज़ ग्रेट कर के लगा लें , और २० मिनिट तक अवन में, बेक कीजिये। गरमा गरम परोसें ..और आनंद लीजिये।


अब सुनिए - भारत के आसाम प्रांत की एक मिर्च है जिसका नाम है , "


भूत जोलोकीया " वही दुनिया की सबसे तीखी मीर्च है !


ये बात पता


लगाई है न्यू मेक्सिको स्टेट यूनिवर्सिटी ने !


इसे गीनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकोर्ड में दर्ज किया गया है। भूत जोलोकिया ने " रेड सावीना " नामक मेर्च की नस्ल को मात दी है और पहले नंबर पर अपनी जगह बना ली है । मीर्च कितनी, तीखी और तेज है उसका टेस्ट


" स्कोवील हीट युनिट " या (SHUs), से की जाती है जिसमें " भूत जोलोकिया " १ लाख " स्कोवील हीट युनिट " या (SHUs), " स्कोवील हीट युनिट " या (SHUs), तक पहुँच गयी जो " रेड सावीना " की , ५ ७ ७ ,000se तीव्रता से दुगुनी क्षमता रखती है


डॉ पाल बोस्लंद , डायरेक्टर हैं " चिल्ली पेप्पर इन्स्टीस्टुट न्यू मेक्सिको स्टेट यूनिवर्सिटी " के डिपार्टमेन्ट ऑफ़ प्लांट एवं एन्वाय्रोमेन्टल साइँस के जिन्होंने २००१ में " भूत जोलोकीया " के दाने अपनी भारत यात्रा के दौरान हासिल किए । "भूत जोलोकीया का अंग्रेज़ी नाम है - घोस्ट चिल्ली ! तीन साल अपनी अनुसंधान और परीक्षण के बाद उन्हें इसके बीज पर्याप्त मात्रा में मिले जिसके तहत ये खोज सामने आ पायी --



Friday, May 9, 2008

साबूदाने की खिचडी

घुघूती जी आज कल व्यस्त हैं। उनकी अनुमति से मैं उनकी किचन से आप के लिए लाई हूँ कुछ उपवास का खाना।

साबूदाने की खिचडी

एक कटोरी साबूदाने को आधा कटोरी से थोड़े कम पानी में भिगोएँ । चार पाँच घंटे भीगने दें । एक कटोरी कच्ची मूँगफली को मोटे तले वाली कड़ाही में कम आँच में बराबर चलाते हुए भून लें । मूँगफली जलनी या काली नहीं होने देनी चाहिये । भुन जाने पर ठंडी होने दें । एक कपड़े पर रखकर इनपर बेलन चलाएँ । छिलके उतर जाने पर सूप या थाली में डाल फटककर छिलके हटा लें । अब इन्हें दरदरा पीस लें । जब साबूदाना भीगकर नरम हो जाए तो उसमें यह पावडर मिला लें । नमक ,मिर्च, अमचूर या चाटमसाला मिला लें । एक कड़ाही में तीन बड़े चम्मच तेल गरम करने रखें, दो तीन सूखी लाल मिर्च बीच में से दो टुकड़े कर तेल में डालकर भून लें । (साबुत मिर्च भूनने से फटकर उड़ती है व चाहरे पर आती है। ) इन्हें बाहर निकाल लें और गरम तेल में सरसों, हींग फोड़ें और साबूदाने का मिश्रण डालकर चलाएँ । बीच बीच में पलटते रहें । ढक्कन ना लगाएँ । करीब दस मिनट में पक जाने पर आग से उतार लें । खाने से पहले भूनी मिर्च डाल दें।

कम कैलोरी वाला भी कुछ ....
फलों की चाट..
सेब, केले, अमरूद, के छोटे छोटे टुकड़े कर लीजिये । सबको एक बर्तन में डालकर नमक, काला नमक, मिर्च,शक्कर (या शूगर फ्री )मिला दीजिये । नींबू का रस निचोड़ कर अच्छे से मिला लीजिये । अब चाहें तो संतरे का केसर और अंगूर पूरे या काटकर आधे करके डाल दीजिये । फ्रिज में रखिये । दो घंटे बाद काफी रसीला बन जाएगा तब खाइये ।यदि कोई भी इनमें से कुछ भी बनाए व पसन्द आये तो मुझे बताना ना भूलियेगा ।

किसी दिन स्वास्थ्य के लिए,मधुमेह के लिए, उच्च रक्तचाप व हृदय रोग के लिए भोजन व घरेलू नुस्खे दूँगी । कब, पता नहीं । परन्तु यह मत कहियेगा 'औरों को तो राह बताए आप अंधेरे जाए !'
घुघूती बासूती

आलू झोल एक आसान सी कम मसाले वाली सब्जी

भाई अब इतनी गर्मी हैं सो सोचा एक आसान सी कम मसाले वाली सब्जी बनाली जाए जो कम समय मे बन जाए
आलू उबले हुए २५० ग्राम
दही खटा २५० ग्राम
साबुत लाल मिर्च ३
काला जीरा १ छोटी चम्मच
हल्दी पिसी आधा छोटा चम्मच
लाल मिर्च पिसी आधा छोटा चम्मच
नमक स्वाद अनुसार
धारा ३ छोटा चम्मच
देसी घी १ छोटा चम्मच

हरी मिर्च २
दही को मथ ले और उसमे एक कटोरी पानी डाल कर उसको पतला कर ले
एक कड़ाई मे धारा डाले और गरम होने पर दो लाल साबुत मिर्च इस मे डाल दे ।

मिर्च जैसे ही लाल से ब्राउन हो उसमे काला जीरा आधा छोटा चम्मच डाल दे । जीरा चटक जाए तो उसमे हल्दी और लाल मिर्च डाल दे और उसके बाद आलू डाले । आलू को काटे नहीं बल्कि छोटे छोटे टुकडे कर ले। अब इस मिक्सचर को धीमे आंच पर खूब चला कर भुन ले जिस से हल्दी मिर्च जीरा आलू मे लिपट जाये । अब इसमे नमक डाले । इस के बाद इसमे दही का घोल डाले और एक उबाल आने दे । उबाल आने के बाद इस मे एक कटोरी पानी और डाले और फिर धीमी आंच पर सब्जी को पकने दे । ये सब्जी ज्यादा गाढी नहीं की जाती हैं । ५ मिनट बाद सब्जी तैयार हो जायेगी ।
देसी घी को गर्म करके उसमे बचा हुआ जीरा , लाल मिर्च साबुत , पिसी लाल मिर्च अगर आप तीखा खाते हैं तो , और २ हरी मिर्च डाल डाल कर बघार तैयार करले और सब्जी को जिस बर्तन मे परसना है उसमे डाल कर ये बघार उसमे लगा दे ।
आलू झोल तैयार हैं , सादे चावल के साथ बहुत स्वादिष्ट लगता हैं । गर्मी मे बनाना भी आसन और पेट के लिये हल्का भी होता हैं

एक टिप
उबले आलू फ्रेश उबले होगी तो सब्जी का स्वाद ज्यादा होगा । हरी मिर्च घी मे चटक जाती हैं इसलिये उसके ऊपर की डंडी काट दे । और हरी मिर्च जितने लोग हैं उस हिसाब से डाले ताकि सबकी कटोरी मे एक एक हरीमिर्च हो

Thursday, May 8, 2008

शाही मलाई कोफ़्ता करी


दोस्तों आज की शाम हम आपके लिये ले आयें है शाही मलाई कोफ़्ता करी बनाने की विधि...तो सब तैयार हो जायें पहले हम बनायेंगे शाही मलाई कोफ़्ता करी फ़िर आज रात के भोजन में आप सबकी खिदमत में पेश करेंगे...:)

सामग्री मलाई कोफ़्ते बनाने हेतु:-

पनीर (कसा हुआ)...........250 ग्राम
उबला आलू.................. 50 ग्राम या (एक बड़ा आलू कद्दूकस किया हुआ)
हरा धनिया (बारीक कटा हुआ)... दो छोटे चम्मच या स्वाद अनुसार
मैदा.................................3 बड़े चम्मच
लाल मिर्च.........................१/२ चम्मच
नमक................................स्वादानुसार

करी सामग्री:-

प्याज पीसी हुई....................३ बड़े चम्मच
अदरक पीसी हुई....................१/२ छोटा चम्मच
काजू....................................६
इलायची................................४ या ५ दाने
दही......................................४ बड़े चम्मच
क्रीम......................................१/२ या १ चम्मच
तेल........................................३ बड़े चम्मच
गर्म मसाला............................१ छोटा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर....................१ चम्मच
कसूरी मेथी..............................१ बड़ी चम्मच
जीरा,लौंग,दालचीनी...................................१/२ चम्मच
नमक.........................................स्वादानुसार
मलाई.........................................१०० ग्राम
दूध..............................................२ कप दूध

विधि:-

सर्वप्रथम कोफ़्ते बनाने के लिये कसा हुआ पनीर,कद्दूकस किया गया आलू,लाल मिर्च पाउडर, गर्म मसाला और नमक को ३ बड़े चम्मच मैदे में अच्छी तरह से मिलाईये..जब सारा मिश्रण अच्छी तरह से मिक्स हो जाये उसकी छोटी-छोटी बॉल बना लीजिए...बॉल के उपर भी मैदे को अच्छी तरह से लपेट लें...इसके बाद तेल में कोफ़्ते को मंदी आचँ पर डीप फ़्राई(गहरा तले) करें...गुलाबी रंग होने पर तेल से निकाल लीजिये...

करी बनाने के लिये सबसे पहले दही को अच्छी तरह से फ़ेंट लें...भीगे काजू का पेस्ट बना लें, कड़ाही या नॉन स्टिक पैन में एक बड़ा चम्मच तेल डाल कर गरम करें उसमें जीरा, लौंग, दालचीनी डालें... बघार आने पर प्याज व अदरक का पेस्ट डाले, हल्का सुनहरी होने पर काजू व दही का पेस्ट भी मिलायें...लाल मिर्च पाउडर व गरम मसाला भी मिलायें...अच्छी तरह से पकने पर ग्रेवी में मलाई और दूध डाल कर अच्छी तरह से पकने दें...ऊपर से इलायची व नमक डालें...२ मिनिट बाद कोफ़्तों को करी में हलके से डाले और क्रीम व हरे धनिये के साथ सजाएं...लीजिये गर्मा गर्म मलाई कोफ़्ता करी हाजिर है......

सुनीता शानू


वेज- चंक्स

ममता के बनाये चिकन नगेट्स की रेसिपि के बाद अब बारी है वेजिटेरियन चंक्स की.क्या करें शुद्ध शाकाहारी हूं, इसलिये नॊन-वेज रेसिपि पढ कर उसमें फ़ेर बदल कर के शाकाहारी ढंग से पकाने की कोशिश करती हूं.इस ब्लॊग पर मज़ा बहुत आ रहा है.रोज़ाना कुछ ना कुछ नया.चलिये,अब शुरु करते हैं वेज- चंक्स बनाना.इस रेसिपि में मूंग दाल की पौष्टिकता के साथ सब्ज़ियों के गुण भी हैं, साथ ही साथ ये भाप में तैय्यार होने वली डिश है,इसलिये कैलोरीज़ का भी कोई टेन्शन नहीं.आइये इसे बनाने के लिये सामान इकट्ठा करते हैं:

सामग्री

छिलके वाली मूंग दाल-------------------------- १ कटोरी
नमक------------------------------------- स्वादानुसार
लाल मिर्च---------------------------------- जितनी आपकी जिह्वा सहन या पसन्द करे
हल्दी--------------------------------------१ चुटकी
साबुत धनिया-------------------------------- २ छोटे चम्मच(दर-दरा किया हुआ)
हरी मिर्च----------------------------------- १,बारीक कटी हुई
प्याज़(मध्यम आकार का)----------------------- १ बारीक कटा हुआ
प्याज़(बडा)--------------------------------- १(कद्दुकस किया हुआ)
गाज़र(यदि उपलब्ध हो तो)---------------------- १ बडी(मोटा लच्छा)
मूली ------------------------------------- १ बडी (मोटा लच्छा)
फ़्रेन्च-बीन---------------------------------- ५-६ ( बारीक कटी हुई)
हरा धनिया---------------------------------- १ छोटी गुच्छी (बारीक कटा हुआ)
बंद गोभी------------------------------------१/४ कटोरी (बारीक कटी हुई)
लहसुन--------------------------------------५-७ कली (पिसा हुआ )
दही-----------------------------------------१ बडी कडछी
रिफ़ाइन्ड तेल----------------------------------१ बडी कडछी


बनाने की विधि

सबसे पहले मूंग की दाल को अच्छी तरह से धो कर, १/२ घण्टे के लिये गुनगुने पानी में भिगो लें.जब तक दाल भीगती है, तब तक सब्ज़ियां काट/घिस लें.भीगी हुई दाल को मिक्सी में पीस लें और इसमें नमक,लाल मिर्च, दरदरा किया हुआ साबुत धनिया, कटा हुआ प्याज़, हरा धनिया,हरी मिर्च, मूली गाज़र का लच्छा(निचोडा हुआ), कटी हुई फ़्रेंच बीन्स, बन्द-गोभी सब मिला दें.(सब्ज़ियां आप अपने हिसाब से कम भी कर सकती हैं, चाहे तो कोई नई जोड दें, या इनमे से कोई हटा दें).एक बडे ,खुले मुंह वाले बर्तन में १/२ लीटर पा्नी खौलायें, उस पर एक स्टील की छलनी रख दें .अब इस छलनी पर हाथ से उपरोक्त मिश्रण की छोटी-छोटी बडियां तोड लें.इस छलनी को एक बडी थाली से ढक दें. ७-८ मिनट तक भाप से पकने दें.जब ये सारे चंक्स पक जायें तो इन्हे अलग रख लें.जब तक ये चंक्स भाप में पक रहे हैं तब तक आप मसाला तैयार करें.एक कढाई में तेल गर्म करें और उसमें पिसा हुआ लहसुन और घिसा प्याज़ डाल दें.जब थोडा पकने लगे तो नमक, मिर्च, हल्दी मिला लें. इस मसाले में दही डाल कर भूनें. जब ये मसाला तेल छोड दे तो इसमें,भाप से पके हुए चंक्स मिला कर उलट- पलट लें. जब अच्छी तरह मसाला मिल जाये तो एक सर्विन्ग डिश में निकाल कर हरे धनिये से सजायें.ये वेज-चंक्स मैं पार्टी स्नैक्स के तौर पर बनाती हूं. इसे मैने मूंग की दाल की पकौडी के स्थान पर इम्प्रोवाइज़ करके बनाया था.यकीन मानिये इसे बना कर आप सब खाने वालों की वाह-वाही लूट लेंगी.

Wednesday, May 7, 2008

चिकेन नगेट्स (chicken nugget )

माना कि शाकाहारी भोजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है पर कभी-कभी नॉन वेज खाना भी खाना चाहिए। अब wimpy के चिकन नगेट्स का स्वाद तो अच्छा होता है। पर घर मे बने चिकेन नगेट्स का स्वाद लाजवाब होता है। तो चलिए आज यही बनाते है।
सामग्री--
बोनलेस चिकन -- २५० gms
सोया सॉस -- २-३ चम्मच (इसकी मात्रा घटा या बढ़ा पेन सकते है )
नमक--स्वादानुसार
पीसी काली मिर्च-- थोडी से सिर्फ़ स्वाद के लिए
ब्रेड क्रम्स -- १ कटोरी
अंडे-- १-२
ब्रेड क्रम बनाने की विधि -- वैसे ब्रेड क्रम बाजार मे मिलते है पर अगर चाहे तो इसे घर मे भी बड़ी आसानी से २ मिनट मे बनाया जा सकता है। बस ४-५ ब्रेड को मिक्सी मे पीस ले और ब्रेड क्रम तैयार। ब्रेड की जगह रस्क को भी इस्तेमाल कर सकते है।रस्क से थोड़ा ज्यादा लाल रंग आता है।
विधि -- सबसे पहले चिकेन के छोटे-छोटे टुकड़े कर ले और इस मे सोया सॉस,नमक,और काली मिर्च अच्छे से मिला ले और इसे आधे घंटे के लिए मैरिनेट करें।
एक अलग बाउल मे अंडे को अच्छी तरह से फेंटे । और एक प्लेट मे ब्रेड क्रम रक्खे।
गैस पर कढाई या पैन मे आयल डाल कर गरम करे।
अब चिकेन के एक-एक टुकड़े को पहले अंडे मे और फ़िर ब्रेड क्रम मे रोल करे जिससे ब्रेड क्रम चिकेन पर अच्छी तरह से लग जाए। और बस इसे गरम oil मे fry कर लीजिये। (इसमे आंच का ध्यान रखना जरुरी होता है वरना चिकन नगेट्स बहुत ज्यादा लाल हो जाते है) अब इन fry किए हुए नगेट्स को एक पेपर नैपकिन पर निकाल ले जिससे excess oil in नगेट्स मे से निकल जाए।
लीजिये नगेट्स हो गए तैयार अब इन गरम -गरम क्रिस्पी नगेट्स को म्योनीज के साथ सर्व करे।
बस तो अब इंतजार किस बात का। :)

Tuesday, May 6, 2008

पाव वडा

अनिता जी ने बम्बई की पाव भाजी रेसीपी बतलायी जिसे यहाँ अमरीका मेँ भी मैँ अक्सर बनाया करती हूँ और भारत के दूसरे प्राँतोँ से यहां बसे लोगोँ को भी ये उतनी ही पसँद आती है जितनी अमरीकी मित्रोँ को !
उसके साथ, मेँगो लस्सी, या अन्य शरबत सभी मज़ा दुगुना कर देते हैँ --
और अब बम्बई का मशहूर, "पाव - वडा " जो हर नुक्कड पे मिल जाता है ॥
"पाव" माने बेकरी मेँ बनी ब्रेड !
इसे पाउ या पाव क्यूँ कहते हैँ ?
सुना तो यही है कि, बेकरी मेँ अक्सर इसका आटा, पैरोँ से मसला जाता था, जिसे मराठी मेँ पाव या पाय या पाउ कहते हैँ - तो उसीसे ऐसे बेकरी के ब्रेड का नामकरण " पाव " हो गया जो बम्बैया भाषा की देन है -
- और पाव भाजी और वडा पाव के नाम से अब सारी दुनिया में ये शब्द फैल चुका है ॥

तो चलिये...पाव वडा बनाया जाये ॥
छोटे ब्रेड ले लीजिये, और आलु बडा, आलु बोँदा या बम्बई मेँ जिसे बटाटा वडा कहतेँ हैँ उसे बनायेँ।
विधि :आलु उबाल कर उसे मेश करेँ ॥ उसी में ५, ६ कली लहसुन, हरा धनिया, २ नीँबु का रस,हरी मिर्च व थोडी सी अदरक पीसी हुई नमक स्वादानुसार मिलालेँ -अगर इसे और ज्यादा रीच बनाना चाहेँ तब काजु के छोटे टुकडे और थोडी सी कीशमीश बारीक़ कटी हुई भी मिलायेँ ॥
गोल आकार मेँ, बना कर बेसन के घोल मेँ डुबोकर, तल लेँ और पेपर पर तेल निकल जाये इसलिये रखेँ ॥
अब 2 चटनियाँ बनायेँ --
१) हरे धनिये की चटनी -- हरी मिर्च, जीरा नमक,और गुजराती सेव या बडी सेव जिसे गाँठीया कहते हैँ, उसके ३, ४ पीस मिलाने से चटनी गाढी हो जाती है और चने के आटे की वजह से, स्वाद भी बढता है और नीम्बू का रस मिला कर पीस लेँ -
२) लाल चटनी -- लहसुन, सुखा नरीयल, तिल,लाल मिर्च, नमक,जीरा मिलाकर पीस लेँ - अब ब्रेड काट कर एक तरफ हरी और दूसरी तरफ लाल चटनी लगा लेँ और बीच मेँ, आलु बडा रख लेँ ॥
अगर आप इसे और चरपरा बनाना चाहतेँ होँ तो, इमली की चटनी भी लगा सकते हैँ -और बस ! ब्रेड के बीच मेँ रखे इस आलु बडे और चटनीयोँ से लज़ीज , " पाव -वडा " रेडी है !! देर किस बात की है लावण्या

पाव भाजी

पाव भाजी
हम बंबई से हैं तो आइए आप को बंबई की हर दिल अजीज पाव भाजी खिलाते हैं। अक्सर कैलरी गिनने वाले लोग इससे बचते हैं पर हम आप को बता रहे हैं लो कैल पाव भाजी इसके लिए लिजिए
1 किलो उबले हुए और मसले हुए आलू
250 ग्राम फ़ूल गोभी( उबाल लिजिए)
250 ग्राम मटर( हल्के से उबाल लिजिए)
एक मुठ्ठी पत्ता गोभी
2 प्याज(बारीक कटे हुए)
2 शिमला मिर्च(बारीक कटी हुई)
6-7 टमाटर( पीस लें)
मसाला-
मसाला- पाव भाजी मसाला(एवरेस्ट/एम टी आर का य जो आप को पसंद हो)
जीरा- 1/2 छोटा चम्मच
नमक- सवादानुसार
लाल चटनी के लिए-
15-18 कलियां लहसुन की कलियां
8-10 साबुत लाल मिर्च
कड़ाही में 2 बड़े चम्मच तेल गरम कीजिए, उसमें पहले जीरा डालें, जब वो लाल हो जाए तो प्याज और फ़िर शिमला मिर्च डाल कर चला लें। अब उसमें डालिए पाव भाजी मसाला(2/3 बड़े चम्मच), इसे भी चलाइए। जब ये दोनों थोड़ा भुन जाए तो इसमें बाकी की सब सब्जियां हाथ से ही मसल कर डालिए। अब इसमें नमक लाल मिर्च पाउडर डालें (अपने अंदाज से), खूब चलाइए जब तक पूरा मसाला मिक्स न हो जाए। अब इसमें पानी डालिए जब तक ये कड़ी के जैसा पतला न हो जाए। अब इसमें पिसे हुए टमाटर मिलाइए और उबलने दीजिए।
दूसरी कड़ाही में 1 चम्मच तेल गरम करें। उसमें गीला पिसा हुआ लहसुन और लाल मिर्च फ़्राई करें। जब लहसुन की गंध निकल जाए या कम हो जाए तो इस चटनी को उबलती पाव भाजी में मिला दें। और एक दो उबाले और आने दे। उसके बाद गैस बंद और इसे थोड़ा सा ठंडा कर लें। गैस बंद करते ही जब इसे किसी डिश में खाली करें ऊपर से अमुल बटर डालें (अंदाजे से) और बारीक कटा हरा धनिया। तवे पर सिके पाव के साथ परोसें। लो कैल करने के लिए आप चाहें तो आलू कम कर पत्ता गोभी की मात्रा बड़ा सकते हैं।

Monday, May 5, 2008

क्या आपने धोखा खाया हैं ??

क्या आपने धोखा खाया हैं

रेसिपी हस्तलिखित हैं इसको पढने के लिये एक बार क्लिक करे

फरा

फरा --फरा अब ये मत कहियेगा की हम भी क्या अजीब नाम की खाने की चीज बता रहे है. फरा उत्तर भारत मे तीज -त्योहारों पर बनाया जाता हैहर जगह इसे बनाने का अलग तरीका हैवैसे फरे के साथ बहुत ही मजेदार बात जुड़ी है हमारे पापा और भैय्या फरा नाम से ही दूर भागते है हमारे पापा तो फरा खाते ही नही है क्यूंकि हमारे बाबा के घर मे दादी (पापा की चाची ) गेहूं के आटे से फरा बनाती थी और उसे पानी मे उबाल देती थी जिसे ना तो हमारे बाबा खाते थे और ना ही हमारे पापा क्यूंकि पानी मे उबला हुआ फरा खाने मे थोड़ा चिपचिपा सा होता हैऔर बस भैय्या ने कभी खाया ही नही जबकि हमारे नानी के घर मे चावल के आटे का फरा बनता था और वो भी स्टीम या भाप मे पकाते थे हमारे मायके मे फरा करवा चौथ के दिन जरुर बनता है और ससुराल मे कलम -दावत की पूजा वाले दिन (भाई दूज के दिन) खैर हम तो दोनों तरह का बनाते है क्यूंकि हमारे ससुराल मे गेहूं के आटे का और उबाल कर फरा बनता है तो हमारे मायके मे फरा स्टीम (भाप) मे पकाते है

(ये फोटो मे जो फरा है वो चावल के आटे का बना है )

इन दोनों तरह के फरे मे भरने की सामग्री वही रहेगी बस बनाने की विधि अलग है

सामग्री--

चने की दाल -- कटोरी
चावल का आटा -- कटोरी

हरी मिर्च-- बारीक कटी हुई
हरा धनिया-बारीक कटा हुआ
अदरक--बारीक कटी हुई
हींग--चुटकी भर (चम्मच मे - बूँद पानी मे घोल ले )
नमक --स्वादानुसार
लाल मिर्च--चौथाई चम्मच

चटनी-- अमचूर.हरा धनिया,हरा मिर्चा और नमक इन सबको मिक्सी मे पीस कर चटनी बना लीजिये

बनाने की विधि--

सबसे पहले दाल को आधे से एक घंटे के लिए भिगा दे और उसके बाद इस भीगी हुई दाल को दरदरा सा (थोड़ा मोटा )पीस ले और इसमे कटा हुआ हरा धनिया,हरी मिर्च,हींग ,कटा हुआ अदरक ,नमक लाल मिर्च मिला ले

चावल के आटे को गुनगुने पानी से गूंध ले इसे गूंधते समय पानी को थोड़ा-थोड़ा डालते है वरना आटा बहुत जल्दी गीला जाता है

अब इस आटे की लोई बना कर थोडी मोटी रोटी की तरह बेल ले अब चाकू से इसके चौकोर से टुकड़े काटे और इन चौकोर टुकडों मे पिसी हुई चने की डाल को भरकर हलके हाथ से बस दोनों किनारे जोड़ दे

गैस पर एक भगोने मे पानी रक्खे और उसके ऊपर एक छलनी रक्खे और जब पानी उबलने लगे तो उस छलनी मे फरे रख दीजिये और एक प्लेट से इस छलनी को ढक दीजिये बस -१० मिनट तक भाप मे पकाए और गरमा गरम फरे खाने को तैयार बस प्लेट मे अमचूर की चटनी के साथ सर्व करे

गेहूं के आटे का फरा बनाने की विधि --

गेहूं के आटे का फरा बनाने के लिए चावल के आटे की जगह गेंहू का आटा गूंध लीजिये और छोटी-छोटी लोई बनाकर छोटी-छोटी रोटी बेल लीजिये और इसमे चने की दाल भरकर रोटी को गुझिया की तरह बिल्कुल सील कर दे अब एक बर्तन मे पानी उबाल ले और उसमे ये फरे डाल कर १०-१५ मिनट तक पकाए और गर्मागर्म फरे चटनी के साथ सर्व करे

नोट --मिर्च का इस्तेमाल आप कम या ज्यादा अपनी पसंद से कर सकते है