दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Sunday, July 5, 2009

बाजरा खिचडी


बाजरा खिचङी

एक कटोरी बाजरा
आधी कटोरी मुँग व चना दाल
थोङा नमक

बाजरा धो कर पानी निकाल दें। कुछ देर गिला रहने दें।
कुकर में दालें व एक गिलास पानी डाल कर गैस पर चढा दें।
एक सीटी लगवा कर गैस बंद कर दें।
बाजरा मिक्सी में डाल कर चलाऐं, दरदरा कर के निकाल लें।
पानी मिला कर कुकर में दाल दें, दाल व दरदरे बाजरे को एक गिलास
पानी डाल कर अच्छी तरह मिलाऐं। गैस पर रख कर एक सीटी लगवाऐं।
अब गैस धीमी कर के आधा घंटा पकाऐं।
स्टीम कम होने पर ढक्कन खोल कर चम्मच से अच्छी तरह मिला कर
मक्खन के साथ गरम-गरम परोसें।