दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Friday, April 23, 2010

रस्क से बना हलुआ!

                         आज कल हलके नाश्ते कि दृष्टि से रस्क  काफी लोग प्रयोग करते हैं. इसके प्रयोग के बाद हर पैकेट में कुछ मात्रा में चूरा बचा होता है. इसको आप क्या करते हैं? इससे पहले मैं बता दूं कि इससे बहुत ही जल्दी और बहुत ही स्वादिष्ट हलुआ तैयार किया जा सकता है. अगर कोई मेहमान आ जाए और न उसके पास समय हो और न आप जल्दी में कुछ कर पा रही हों तो लीजिये और उसका मुंह मीठा करवाइए और आशु व्यंजन भी बना लीजिये.

सामग्री:
रस्क का चूरा एक कप
देशी गहरी एक टेबल स्पून
शक्कर २ टेबल स्पून
कुछ दाने किशमिश, काजू और गरी का बुरादा. 
मेवे अपने इच्छानुसार डाल सकती हैं.

विधि:
एक पैन में आधा कप पानी डाल कर उसमें शक्कर डाल दें, हल्का से घुलने दें और इसमें घी और रस्क का चूरा डाल लें.
 कुछ सेकेण्ड उसको चलाये. बस हलुआ तैयार हो जाएगा. इसमें कुछ भी भूनने की जरूरत नहीं होती है. प्लेट में निकल कर उस पर मेवे डाल दें. चाहे तो गरी का बुरादा और किशमिश हलुआ बनाते समय ही डाल दें बाकी काजू ऊपर से डालें. 
                            इसको एक बार बनाये और इस त्वरित व्यंजन को चख कर बताये और दूसरों को भी खिलाएं.