कच्ची अमिया एक
एक छोटी चम्मच सरसों का तैल
नमक , पीसी लाल मिर्च स्वाद अनुसार
एक चुटकी पीसी हल्दी
अमिया को छील ले । अब गुठली अलग करते हुए चारो तरफ़ से टुकडे काट ले । अब इन टुकडो को चकोर छोटे छोटे टुकडो मे काट ले , जितने छोटे आप कर सके । एक कटोरी मे ये टुकडे डाले ऊपर से नमक , हल्दी और पीसी लाल मिर्च डाले फिर सरसों का तैल डाल कर खूब अच्छी तरह मिला ले । बस कचूमर तैयार । पापा को ये बहुत अच्छा लगता था , खिचडी , रोटी , अरहर कि दाल सबके साथ वो इस को बहुत रूचि से खाते थे और बनाते भी ख़ुद ही थे । कुछ यादे वक्त के साथ भी धूमिल नहीं होती
दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।
हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ
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Thursday, July 17, 2008
Wednesday, July 16, 2008
बैगन का कच्चा भुर्ता
बैगन का कच्चा भुर्ता
बैगन का भुर्ता तो आप सभी ने कभी न कभी खाया होगा, पंजाबियों में यह काफी खाया जाता है, लेकिन इसका एक और पारम्परिक रूप भी है जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते और वो है कच्चा भुरता गंगानगर में जब तापमान 50 डिग्री होता है तब तंदूर की गर्मागर्म रोटी के साथ यह ठंडा भुर्ता लंच में खाने का स्वाद ही अलग होता है। इसकी खासियत भी यही है कि इसे ठंडा सर्व किया जाता है।
इस भुर्ते के लिए हमें चाहिए दो मध्यम आकार के बड़े बैगन, (आधा किलो) प्याज एक पाव, टमाटर 200 ग्राम, हरी मिर्च- 3 से 4 खीरा - 1
बैगन को ओवन, तंदूर या गैस बर्नर पर सीधा ही रखकर भूनें, बैगन के बाहर भूनने से पहले तेल लगा लें जिससे वह ठीक से भूनेगा। अब भुने हुए बैगन को ठंडे पानी से भरे हुए भगौने में डालदें और छिलका उतरा लें। अब बैगन बाहर निकाल कर किसी बड़ी प्लेट में डाल कर अच्छी तरह मैश कर लें। मैश करने से पहले चैक कर ले उसमें कीड़े तो नहीं है और अगर बीज बहुत ज्यादा हो तो बीज भी निकाल दें।उधर प्याज, टमाटर , मिर्च और खीरे को बारीक काट लें। अब इन सब को बैगन के साथ मिला लें स्वादानुसार थोड़ा नमक और लाल मिर्च डाल दें। इसी तंदूरी रोटी के साथ ठंडा सर्व करें । इसकी खासियत है कि इसमें तेल बिलकुल नहीं डलता। तो अनीता जी आप बेखौफ इसका आनंद ले सकती हैं।
कुकिंग टाइम- 20 मिनिटसर्व- 4 लोगों के लिए
बैगन के पके हुए भुर्ते ( नार्मल) की रेसिपी अगली बार
बैगन का भुर्ता तो आप सभी ने कभी न कभी खाया होगा, पंजाबियों में यह काफी खाया जाता है, लेकिन इसका एक और पारम्परिक रूप भी है जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते और वो है कच्चा भुरता गंगानगर में जब तापमान 50 डिग्री होता है तब तंदूर की गर्मागर्म रोटी के साथ यह ठंडा भुर्ता लंच में खाने का स्वाद ही अलग होता है। इसकी खासियत भी यही है कि इसे ठंडा सर्व किया जाता है।
इस भुर्ते के लिए हमें चाहिए दो मध्यम आकार के बड़े बैगन, (आधा किलो) प्याज एक पाव, टमाटर 200 ग्राम, हरी मिर्च- 3 से 4 खीरा - 1
बैगन को ओवन, तंदूर या गैस बर्नर पर सीधा ही रखकर भूनें, बैगन के बाहर भूनने से पहले तेल लगा लें जिससे वह ठीक से भूनेगा। अब भुने हुए बैगन को ठंडे पानी से भरे हुए भगौने में डालदें और छिलका उतरा लें। अब बैगन बाहर निकाल कर किसी बड़ी प्लेट में डाल कर अच्छी तरह मैश कर लें। मैश करने से पहले चैक कर ले उसमें कीड़े तो नहीं है और अगर बीज बहुत ज्यादा हो तो बीज भी निकाल दें।उधर प्याज, टमाटर , मिर्च और खीरे को बारीक काट लें। अब इन सब को बैगन के साथ मिला लें स्वादानुसार थोड़ा नमक और लाल मिर्च डाल दें। इसी तंदूरी रोटी के साथ ठंडा सर्व करें । इसकी खासियत है कि इसमें तेल बिलकुल नहीं डलता। तो अनीता जी आप बेखौफ इसका आनंद ले सकती हैं।
कुकिंग टाइम- 20 मिनिटसर्व- 4 लोगों के लिए
बैगन के पके हुए भुर्ते ( नार्मल) की रेसिपी अगली बार
Monday, July 14, 2008
अरबी के पत्तो के पतौड़े
ये रेसिपी डॉ मंजुलता जी ने हस्तलिखित दी हैं और लेखिका की मै बेटी हूँ ।
क्लिक करे और बड़ा करके आराम से पढ़ के , प्रिंट निकाल कर , बनाए । तस्वीर नीचे हैं मेरी माता श्री की किचेन की क्योकि ये विधि भी उनकी ही हैं । हम तो खाते हैं पर इस बार खाने से पहले फोटो ले ली । सबसे अच्छी बात हैं की अरबी के पत्ते भी घर के किचेन गार्डन से ही हैं । और अरबी को लखनऊ मे घुइयाँ कहते हैं ओअर दिल्ली के सब्जी वाले इस नाम से नितांत अपरचित हैं ।
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