दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Saturday, May 3, 2008

बैंगन बडी की सब्ज़ी

लगभग १५ दिनों की अस्वस्थता के दौरान सिर्फ़ लौकी,तुरई खा खा कर जी कुछ अलग,कुछ चटपटा खाने को कर रहा है.आज मैं बैंगन बडी की सब्ज़ी बनाने जा रही हूं,आप भी इस की बानगी देखिये.ये सब्ज़ी मुझे लखनऊ में मेरी मकान मालकिन(उनको मैं आण्टी कहती हूं और वो मेरी मां के जैसी हैं) ने बना कर खिलाई और फिर सिखाई थी.जो भी माथुर कायस्थ हैं उनके यहां ये सब्ज़ी बडे ही शौक से बनाई और खाई जाती है.तो लीजिये बिना देर किये हाज़िर है बैंगन बडी:
सामग्री
बैंगन भरते वाला----------१ बडा (मध्यम आकार के टुकडे काट लें)
मंगोडी या बडी ----------१ मुट्ठी
प्याज़ ----------२ मध्यम आकार के (कद्दूकस किये हुए)
टमाटर -----------२ मध्यम आकार के (कद्दूकस किये हुए)
लहसुन ----------५-६ कली (पिसी हुई)
अदरक -----------१ इन्च का टुकडा(पिसा हुआ)
जीरा -----------१/२ चम्मच
धनिया पाउडर ------------१ छोटा चम्मच
हल्दी ------------१/४ छोटा चम्मच
लाल मिर्च ------------१ छोटा चम्मच(अपनी रिस्क पर ज़्यादा भी डाल सकते हैं)
नमक -------------स्वादानुसार
रिफ़ाइन्ड तेल -------------१-१.५ बडी कडछी
गरम मसाला -------------१/२ छोटा चम्मच
अब ये सब्ज़ी बनानी कैसे है, ये भी देख लें :)

मंगोडी या बडी जो भी आपने चुनी है,उसके छोटे टुकडे कर लें.वैसे ये ज़्यादा स्वाद उडद दाल की बडी से ही बनती है किन्तु भारी होने के कारण मैं इस की जगह मंगोडी का प्रयोग करती हूं. प्रेशर कुकर में तेल गरम करके ,धीमी आंच पर मंगोडी को भू्न लें और अलग रख लें.अब इसी तेल में ज़ीरा चटका लें,फ़िर कद्दुकस किया हुआ प्याज़,लहसुन और अदरक डाल दें.जब ये भुन जाये तो इसमें टमाटर डाल कर भूनें.इस भुने हुए मसाले में सारे मसाले डाल कर १/२ मिनट तक और भूनें.जब मसाला अच्छी तरह से भुन जाये तो इसमें कटे हुए बैंगन और भुनी हुई मंगोडी डाल दें.अच्छी तरह से मिला कर १/२ कटोरी पानी डाल कर प्रेशर कुकर का ढक्कन बन्द कर दें.तेज़ आंच पर एक सीटी लगते ही, मन्दी आंच कर दें. ५-७ मिन बाद गैस बन्द कर दें. भाप अपने आप निकलने दें,(जल्दी ना मचायें,पता है आपको सब्ज़ी चखने की जल्दी है पर प्लीज़ जल्दबाज़ी ना करें).अब कुकर खोल लें औए थोडा सा गरम मसाला बुरक दें .अब इस लगी लिपटी सब्ज़ी को गरमागरम चपाती या चावल के साथ खायें और खिलायें.पसन्द आ जाये तो नाचीज़ को कमेन्ट द्वारा सूचित करें.

Friday, May 2, 2008

कभी कभी फल ऐसे खा कर देखे

आम
केला
अंगूर
अनार
आम और केले को छील के काट ले
एक ग्लास मे नीचे आम के टुकडे
उसके ऊपर केले के टुकडे
उसके ऊपर अंगूर
और सब से ऊपर अनार के दाने डाल ले

एक बर्तन मे
एक छोटा चम्मच संतरे का रस या ओरेंज स्क्वैश
एक छोटा चम्मच लेमन का रस या लेमन स्क्वैश
एक छोटा चम्मच शहद
डाल कर खूब मिलाये
और फिर इस मिक्सचर को फलो से भरे गिलास मे डाल दे
मिक्सचर इस तरह डाले की सब फलो पर कोटिंग सी हो जाए ।

एक नॉन स्टिक बर्तन को गरम करके उसमे मे एक छोटी चम्मच ओलिव आयल या धारा डाले । जब आयल गरम हो जाये तो इसमे गुड़ की शक्कर एक छोटी चम्मच डाले । इसमे आधा आधा छोटी चम्मच लेमन स्क्वैश , शहद , ओरेंज स्क्वैश की डाले और खूब तेज तेज चलाये । जैसे ही ये गाढा होने लगे इसको भी फलो के ऊपर डाल दे । अब इस ग्लास को फ्रीज मे रख दे ठंडा होने के लिये ।
जब फल के ऊपर गुड की लेयर जब जम जाए तो ये तैयार हो गया हैं । कई बार गुड का मिक्सचर सही ना बनने के कारण जमता नहीं हैं तब भी स्वाद मे कोई फरक नहीं पड़ता हैं हाँ जमने से एक टॉफी { caramelized } जैसा स्वाद भी आता हैं जो बहुत मज़ा देता हैं ।
टिप
ग्लास को जल्दी ठंडा करने के लिये फल डालने से पहले उसमे बर्फ भर ले या उसे पहले से फ्रिज मे रख दे लेकिन फल डालते समय ग्लास मे पानी बिल्कुल ना हो ।

अगली विधि अनिता जी बतायेगी !!!!!!!!!!! गर्मी मे सब को बारी बारी खाना बनाना होगा । ये सही है की ये ब्लॉग { परिवार } एक जोइन्ट फैमिली हैं और ये भी सही हैं की आप आज कल examination की कॉपी जांच रही हैं पर घर के सदस्यों को आप की विधि का इंतज़ार हैं !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Thursday, May 1, 2008

सौंफ का शरबत

गरमी अपने पूरे जोश के साथ सब तरफ अपने रंग दिखा रही है और हम तरीके तलाश कर रहे हैं इस से बचने के ..आज दादी माँ के खजाने से मिला एक शरबत का नुस्खा सोचा चलो यहाँ इसको बांटते हैं शायद आप में से कई इस के बारे में जानते हों पर मुझे नया सा और आसान सा लगा ..
सामग्री ..

सौंफ ....२५० ग्राम

चीनी ...१०० ग्राम

पानी ...४ गिलास

बर्फ ...आपकी इच्छा नुसार

विधि ..

सौंफ को अच्छी तरह से साफ कर ले ..जितना शरबत बनाना हो उतने पानी में भिगो दे .जब पानी सौंफ की खुशबु ले ले तो इसको छान लें अब इस में चीनी मिलाये और बर्फ डाल कर सर्व करें ,यह बनाने में आसान और स्वास्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं ...

Wednesday, April 30, 2008

पिठलं - भात

अचानक मेहमान आ जायँ तो १०-१५ मिनट में बनने वाला
सरल और स्वादिष्ट मेनू है पिठलं भात । महाराष्ट्र में ज्यादा तर
घरों में यह बनता ही है । पर यह इमर्जेन्सी मेनू है । वैसे हम तो इसे शौक
से भी खाते हैं ।

पिठलं –
सामग्री - १ कटोरी बेसन, एक प्याज बारीक कटा हुआ, २-३ हरी मिर्च कटी हुई , हरा धनिया कटा हुआ , पानी आधा लिटर ।
तडके लिये - तेल २ बडे चम्मच, हींग चुटकी भर, राई या काली सरसों आधी चम्मच, हलदी चौथाई चम्मच, लाल मिर्च पिसी हुई आधी चम्मच, स्वादानुसार नमक
सबसे पहले बेसन में पानी मिलाकर घोल बना लें और नमक मिला लें । अब
तेल गरम करें । फिर उसमें हींग डाल कर राई चटकाय़ें, अब इसमें प्याज डाल कर भूनें,. हरी मिर्च डालें। बाकी मसालें डाल कर अच्छी तरह चला लें फिर बेसन का घोलडाल कर पका लें । उबलनें के साथ ही यह पक जायेगा । हरा धनिया डाल कर भात के साथ गरम गरम सर्व करें ।
भात- आपको पिठलं बनाने से पहले ही पकने के लिये रखना होगा तभी साथ में तैयार होगा ।। वैसे य़ह रोटी के साथ भी खूब जमता है ।

Monday, April 28, 2008

गुजराती कढी :


अनिता जी ,

आप ने गुजराती कढी के बारे मेँ पूछा है ~~

रसोई बनाने मेँ एक तो सामग्री क्या क्या होँ वो सब ध्यान देने योग्य होता है, दूसरी खास बात है बनाने की विधि !

विधि - और उससे जुडे कुछ छोटे छोटे नुस्खे या " राज़ " जो हर प्राँत या कौम की डीश याने बानगी को कुछ अलग सा बनाते हैँ तो पहले सुनिये गुजराती कढी की विधि

गुजराती कढी और दाल दोनोँ ही, यु.पी स्टाइल की रेसीपी से ज्यादा पतली होतीँ हैँ और गुजराती कढी मेँ ये सारी सामग्री अवश्य डालेँ .

सामग्री : कढी पत्ता, हरा धनिया, जीरे , लौँग ,दालचीनी का एक बडा तुकडा,हरी मीर्च, पीली साबत मेथी के दाने, अदरक,हीँग ये सभी " वघार " माने छौँकमेँ डाले जाते हैँ
- हलदी कई लोग डालते हैँ तो कई नापसँद करते हैँ और कढी , सुफेद जैसी ही रखते हैँ... और कढी के लिये छाछ के साथ, २ चम्मच बेसन का आटा, एक बडी गुड की डली , ( कई लोग शक्कर पसँद करते हैँ ) नमक मिला कर, कढी को गेस पे रखते हैँ छौँक सबसे आखिर मेँ जब कढी उबलने लगे और ऊपर आने लगे तब डाल के, बस गेस बँद कर देते हैँ -
यु.पी की कढी गाढी करने के लिये उसे खूब उबालते हैँ और कढने देते हैँ जब कि गुजराती कढी को १ बार उफान आने के बाद, बँद कर देते हैँ क्यूँकि, उबालने से कढी खट्टी होती जाती है और, गुजराती लोग खट्टी, मीठी का कोम्बीनेशन पसँद करते हैँ ;-)

दूसरी पते की बात ये भी है कि किस व्यँजन के साथ क्या क्या पकाया जाये कि जिससे पूरा भोजन सुचारु व स्वादिष्ट बने !

तो गुजराती कढी के साथ वाले कोम्बीनेशन के व्यँजन अक्सर ये होते हैँ : ~~~

१) कढी / वेजीटेबल पुलाव, पुरी, खीर, फरसाण ( ढोकला, पाँतरा, भजिया , मुढीया ये कुछ भी हो सकता है )

२) कढी / छिलके वाली मूँग दाल की या अरहर या तुवर दाल की खिचडी, पापड, अचार,कचूमर,( सलाड ),आलु की मीठे रसेवाली सब्जी या सूखे +आलु प्याज की सब्जी या आलु + बैँगन की सब्जी ( भरे हुए ) या रसेदार !

३ ) आम रस के साथ खास कढी बनती है जिसे "फजेता " कहते हैँ सारी चीजेँ कढी के जैसी ही लीजिये सिर्फ पानी मिलाने के स्थान पर आम को घोलने के समय गुटली और छिलकोँ को पानी मेँबचाते हैँ और ये आम का पानी कढी मेँ मिला देते हैँ जिसमेँ Dry Ginger powder / सूखा सौँठ भी खास तौर पे मिलाते हैँ - और ये आम के रसेवाली गुजराती कढी को आम रस छक्क कर पी लेने के बाद, उसके पाचन के लिये सबसे अँत मेँ पिया जाता है और वो भी गरम गरम ! :) आम रस के साथ अकसर, कडुवी चीज जैसे करेले सूखे, या "वाल की दाल सूखी " और सुफेद पतला ढोकला जिसपे लाल मिर्च, काली मिर्च छिडकते हैँ वह और चावल का पापड जिसे खीचिया कहते हैँ और छेडा स्टोर मेँ वो मिल जाता है उसे बनाते हैँ --

ये सारे व्यँजन मैँने ससुराल आकर ही खाये, जहाँ उदयपुर के महाराज = रसोइये हुआ करते थे . मेरे पीहर मेँ अम्मा पापा जी की पसँद का यु.पी. स्टाइल का भोजन बनातीँ थीँ और अम्मा का परिवार सुरत से है जो बम्बई २०० सालोँ से बस गया था सो, सुरती रीति से हरी सब्जियाँ भी बहुत बनतीँ थीँ जैसे ऊँधिया, वालोड, पापडी, गुवार की फली की सब्जियाँ चोलाई, मेथी के हरे पत्तोँ की भाजीयाँ भी खूब खाईँ हैँ और बम्बई शहर मेँ,रहते हुए अन्य कौमोँ की रीत से बनी कई डीशस - महाराष्ट्रीयन, पारसी, मद्रासी,पँजाबी खाना भी हमारे घर अक्सर बनता था - उसकी चर्चा भी आगे करुँगी

और नर्म मुलायम रोटी बनाने के लिये,

आधा दूध ( मलाई बिना ) और आधे पानी से आटा गूँधिये और खूब मलिये --- रोटीयाँ भी महीन बेलनी पडती हैँ गर गुजरातीयोँ जैसी खानी होँ तो :-)

सिगडी पे रोटीयाँ बेहद अच्छी बनतीँ हैँ :)

और हाँ, आटे मेँ तेल का भाग भी १, २ चम्मच, सूखे आटे मेँ मिलाया जाये तब रोटीयाँ नर्म और मुलायम रहतीँ हैँ जिसे

" मोण डालना "कहा जाता है गुजरात मेँ ! अब केलेरीज़ तो बढतीँ ही हैँ पर स्वाद और नर्म रोटी चाहीये तो ये भी करना ही होता है - सुस्वाद भोजन को खायेँ, पचायेँ और हर रोज सैर भी करेँ !

आशा है, आप को ये सब विधि कुछ, कुछ समझा पाई हूँ ..

कोई सवाल और होँ तो अवश्य पूछियेगा --

-- लावण्या

पौष्टिक हरयाली कोफ्ते

पालक २५० ग्राम
टमाटर ४
प्याज २
हरीमिर्च २
अदरक , लहसुन स्वाद अनुसार
पनीर २५० ग्राम
मैदा ४ बडे चम्मच
हल्दी , नमक , पीसी लाल मिर्च , पिसा धनिया स्वाद अनुसार
ताजी मलाई एक बड़ा चम्मच
देसी घी एक छोटा चम्मच
तलने के लीये आयल
पनीर को बारीक करके इस मे मेदा मिला ले । चुटकी भर नमक डाले और फिर इसके छोटे छोटे गोल कोफ्ते बना कर तल ले । तलने से पहले आयल खूब तेज होना चाहिये पर कोफ्ते डाल ने से पहले गैस धीमे कर दे और कोफ्ते धीमे आंच पर सेके । गोल्डेन ब्राउन होने तक । पहले एक ही कोफ्ता सेके अगर वह सेकते समय छितर जाए तो पनीर मे मेदा और डाले । कोफ्ते मे मैदा जितनी कम होगी कोफ्ते उतने ही सॉफ्ट होगे ।
पालक को २ कटोरी पानी मे उबाल ले और पानी से निकाल कर मिक्सी मे पीसे । पानी अलग रखे । प्याज और टमाटर को अदरक , हरी मिर्च , पीसे धनिये , हल्दी , लहसुन के साथ पीसे ।
एक पेन मे २ बड़ी चम्मच सरसों का तैल डाले गरम होने पर प्याज और टमाटर और मासले का मिक्स इसमे डाले और भूने , जब मिक्स लाल हो जाए और तैल छोड़ दे तो इसमे पीसी पालक डाल दे और सारे मसाले और पालक को आपस मे खूब मिला दे । अब आपने जो पालक का पानी अलग रखा था उसको इसमे डाले और अंदाज से नमक डाले । एक उबाल आने तक पकाए । इसमे अब पनीर के कोफ्ते डाल दे । एक चम्मच देसी घी और एक चम्मच ताजी मलाई डाल कर एक उबाल आने दे ।
पौष्टिक हरयाली कोफ्ते बिरयानी के साथ बहुत स्वादिष्ट लगते हैं ।
अब एक टिप
जिन लोगो को भी सरसों के तैल मे स्मेल आती हो वह या तो तैल को खूब गरम करके उसमे २ बूंद नीबू डाल दे और फिर उसको इस्तेमाल करे या डिश बनने के बाद मलाई या देसी घी बहुत ज़रा सा डाल दे । सरसों का तैल सेहत के लिया अच्छा होता
है ।

Sunday, April 27, 2008

हरी भरी ब्रेड ..

यह है एक बहुत ही पौष्टिक व्यंजन उन बच्चो के लिए उन बडो के लिए जो पालक का नाम सुनते ही खाने की मेज से भाग जाते हैं :) पर मुझे पालक बहुत पसंद है ..किसी भी रूप में ..यह विधि तब अजमाई मैंने जब मेरी दोनों बेटियाँ पालक का नाम यदि पनीर के साथ नही है तो सुनते ही भूख नही है का बहाना कर देती थी ..सोचा कि लगता है कुछ इस पालक जी के साथ एक्सपेरिमेंट करना ही होगा .जुगत लगानी होगी .ताकि यह खाने की मेज की शोभा बनी रहे .. सो जी दिमाग लगाया और देखा की बच्चो को यूं ही छुट पुट खाने में क्या भाता है ..हमारे घर में बेसन का चिल्ला बहुत बनता है क्यूंकि हमारी दोनों प्रिन्सिस को बहुत पसंद है यह ..जब तब इसकी फरमाइश होती रहती है ..सोचा इस तरह से कुछ बनाया जाए ..और मेरी तरकीब काम कर गई आज यह भी यह दोनों पालक पनीर के अलावा पालक को इस रूप में भी खाना पसंद करती है ..चलिए आपको बताती हूँ मैंने क्या किया पालक के साथ ..:)आपको लेना होगा इस के लिए ..

१ एक कटोरी मूंग छिलका दाल ...४ घंटे भिगो कर अच्छे से पीसी हुई



२ एक मध्यम गड्डी पालक ..साफ करके अच्छे से सिर्फ़ पत्ते रहने दे उसके डंठल निकाल दे और खूब चलते पानी से धो कर मिक्सी में पीस ले ..

३ नमक3 ,स्वादनुसार..
४ हरी मिर्च २ यदि आपको पसंद है तो बारीक कटी हुई

५ ४ कली लहुसन कद्द्कस किया हुआ

६ एक छोटा टुकडा अदरक का बारीक कटा हुआ

७ ४ चम्मच सूजी ..
८ ब्रेड पीस जितने आप बनाने चाहे :)
अब इन सब सामग्री को अच्छे से मिक्स कर के ५ से १० मिनट तक रख दे ..


नॉन स्टिक तवे पर हलका सा तेल लगाए और ब्रेड पीस को इस सामग्री में डुबो कर तवे पर करारा गुलाबी होने तक दोनों तरफ़ से सेंक ले ..पकने पर इसके चार पीस करे और गरम गर्म टमाटर कि चटनी के साथ खाए ..बहुत ही पौष्टिक हैं एक तरह से सम्पूर्ण भोजन इस में दाल भी है पालक भी और ब्रेड भी ...बच्चो को टिफिन में बना के दे .पसंद करेंगे ..और यदि आप इसको ब्रेड के साथ न बनाना चाहे तो सिर्फ़ इस सामग्री का चिल्ला भी बना सकती है ..सूजी का थोड़ा का प्रयोग और कर के ताकि यह आसानी से बन जाए ...कैसा लगा यह आईडिया जरुर बताये .:)


और चलते चलते मैं भी रचना की तरह दे देती हूँ आज का एक टिप :)क्यूंकि यह बहुत काम के होते हैं :)
घिया की सब्जी में यदि थोड़ा सा बेसन अलग से घी में भून के डाल दिया जाए तो सब्जी बहुत ही सव्दिष्ट बनती हैं ..आप कहेंगे की रंजू क्या सबको घिया पालक खिलाने पर तुल गई है पर आप एक बार ट्राई तो करे :) और खा के मुझे अपने कमेंट्स देना न भूले :)