दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Saturday, February 14, 2009

पालक और सोयाबीन

अगर आप सोच रहे हैं कि पालक और सोयाबीन का 'क्या' तो पूरी विधि पढ़ने के बाद ख़ुद ही डिसाइड कर लीजियेगा। वैसे इस को बनाना इतना आसान है कि आपका १२ साल का पोता या २६ साल की बेटी या ३५ साल के पति या ७६ साल के दादा जी भी आसानी से बना सकते हैं! (नोट: ये सब लोग एक ही फैमिली के नहीं!)

पालक को बारीक काट लीजिये, बहुत ज़्यादा पतला मत कीजियेगा। चूरे वाला सोयाबीन ले लीजिये। मेरे पास चूरे वाला नहीं था तो मैंने चंक्स वाले न्यूट्रीला को पत्थर से फोड़ कर काम चला किया!

कढाई में थोड़ा सा तेल गर्म कीजिये। अदरक हो तो काट कर डाल दीजिये, पेस्ट भी चलेगा। इसमे कटी हुई पालक और सोयाबीन को रख कर ढक दीजिये। नमक, मिर्च अपने स्वादानुसार डाल दीजिये। पानी डालने की ज़रूरत नहीं है क्यूंकि पालक से जो पानी निकलता है सोयाबीन उससे पक जाता है।

५ मिनिट पकने दें। पकने के बाद आप चाहें तो इसको प्याज के साथ और मसाले डाल कर फ्राई कर सकते है या फ़िर ऐसे ही खा सकते हैं। इसे आप रोटी/पराठे के साथ खा सकते हैं, ब्रेड पर स्प्रेड के रूप में यूज़ कर सकते हैं। हल्का सा दही मिला के देखिये, मुझे तो काफ़ी अच्छा लगा था।

अब आप ही बताओ कि इसका नाम क्या रखा जाए!