दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Tuesday, January 8, 2013

मेथी के लड्डू

आजकल पूरा उत्तर भारत सर्दी से बेहाल है। चूंकि सर्दी के दिनों में पाचन शक्ति अच्छी होती है; कई तरह की औषधियां घर में बना कर खाई जाती है। जैसे कि उड़द पाक ( अड़दिया) कौंच पाक, मेथी के लड्डू । 
आज आपको हम मेथी के लड्डू बनाने की विधी बता रहे हैं। इसे सर्दी में खाने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और पौष्टिक तो यह है ही।
आईये मेथी के लड्डू बनाते हैं।
 
सामग्री 
मेथी का पाऊडर 250 ग्रा., 
देसी गौंद 200-250, 
ग्राम सूखे हुए नारियल गोला 2 (कटा हुआ कटोरी वाला नहीं लेना है), 
बादाम (मामरा) 250 ग्राम, 
गुड़ 500 ग्राम, 
शुद्ध घी 250 ग्राम,
आप चाहें तो इसमें काजू, इलायची दालचीनी, इलायची जैसी चीजें भी मिला सकते हैं।
 

पूर्व तैयारी: 
गोला नारियल को किस लें ( मिक्सी में कूटे नहीं) 
गौंद को अधकचरा कर थोड़ा -थोड़ा हल्की आँच पर घी में तल लें 
बादाम को भी अधकचरा कर लें (एकदम पाऊडर भी नहीं और बड़े टुकड़े भी नहीं)  

विधी:
एक बड़ी कडा़ही में घी को पिघलाएं। जब पिघल जाएं तब उसमें गुड़ डाल दें और अच्छी तरह मिलाएं। एकदम पिघल जाने पर अब उसमें एक एक कर सारी सामग्री डाल दें और अच्छी तरह हिलाएं। अगर घी की मात्रा ज्यादा लग रही हो तो 100 ग्राम गेहूं का आटा थोड़े घी में सेक कर मिश्रण में मिला लें। एक बार और अच्छी तरह मिला कर नींबू से थोड़े बड़े लड्डू बना लें और ठंडे कर लें।  

इन्हें डिब्बे में भर लें, और रोज सुबह जल्दी उठकर एक- दो लड्डू खाली पेट अच्छी तरह चबा चबा कर खाएं साथ में दूध पी सकते हैं। इसे खाने के बाद दो-तीन घंटे तक कुछ ना खाएं। संभव हो तो इस दौरान खट्टे और मसालेदार खाने से बचें।   

मेथी की वजह से लड्डू खाने पर ल्का सा कड़वापन लगेगा, परन्तु इसके गुण  और दूसरी सामग्रियों के मिलने के बाद इतने हल्के से कड़वेपन को सहन किया जा ही सकता है।


दूसरे तरीके से निशा मधुलिका जी से बनाना सीखिए।
http://nishamadhulika.com/498-methi-laddu-recipe.html