दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Friday, May 16, 2008

" रोयल भेल "

चलिये ...आज, " दाल रोटी चावल " पे , चावल से बने कुरमुरोँ की बानगी बनायेँ !कुरमुरा बाज़ार से लेकर आयेँ उसे बडी छलनी मेँ साफ कर लेँ।

फिर एक बडे पतीले मेँ, ३ चम्मच तेल डालकर , हल्की आँच पर गरम करिये फिर उसी मेँ ७,८ कढी पत्ते , १/२ चम्मच राई, १/२ चम्मच जीरा, २ लौँग, १ दालचीनी का टुकडा, चुटकी भर हीँग, १ लाल मिर्च, १ हरी मिर्च, काजु के टुकडे, अखरोट के टुकडे, कुछ बादाम के टुकडे और थोडी किशमिश, इन्हेँ भी बघार मेँ डाल कर हल्के सेँक लेँ।

फिर इसी मेँ, साफ किये कुरमुरे डाल कर, उपर , से स्वाद अनुसार नमक, हल्दी और थोडी लाल मिर्च भी छिडकिये। कुरमुरोँ को चलाते रहिये। जब तक वे करारे और मसालोँ से हर तरफ से मिल न जायेँ तब तक --

फिर गेस से उतार लेँ, ठँडा होने पे, उसी मेँ , सेव मिक्स मिला लीजिये फिर एयर टाइट कन्टेनर मेँ भर लेँ ...

जब भी भूख ,लगे इसे , ऐसे ही खा सकते हैँ या भेल का सामान जैसे, प्याज, उबले आलु, कच्चे आम कटे हुए, नीम्बू का रस और धनिये की चटनी , लाल लहसून की चटनी, उबले काबुली चने, टमाटर, इमली की चटनी इत्यादी मिलाकर दोपहर के वक्त स्नेक की तरह खा सकते हैँ -

ये सभी को पसँद आनेवाली सदाबहार बानगी " भेल " है --

इतनी चीज़ेँ मिलाने से , चलिये इसे " रोयल भेल " का "नीक नेम दे देते हैँ ! :)

ममता जी, आप सुन रहीँ हैँ ना ! :-)

-- लावण्या

Thursday, May 15, 2008

साउदी शैम्पेन





गर्मी के मौसम में अरब देश का यह शीतल पेय गज़ब की ठंडक देता है. दोपहर हो, शाम हो या रात के डिनर का वक्त हो, कभी भी पिया जा सकता है.




नॉन एल्कोहलिक बीयर या एप्पल जूस ------ 500 ml

7अप या अंगूर का जूस ---------------------- 300 ml

सोडा वाटर ----------------------------------- 200 ml

नीम्बू का रस -------------------------------- एक बड़ा चम्मच

सेब के कटे हुए फीते छिलके के साथ --------- आधा सेब

संतरे के कटे हुए फीते छिलके के साथ ------- आधा संतरा

पोदीने के 10-12 पत्ते अच्छ तरह धुले हुए --- कुछ बारीक कटा हुआ और कुछ साबुत पत्ते

सभी जूस पहले एक घण्टे के लिए फ्रिज में रख कर अच्छी तरह ठण्डे कर लेने चाहिए. बर्फ डालने से स्वाद खराब होने का डर रहता है.

सर्व करने से कुछ देर पहले ही सभी सामग्री को एक जग में डाल दें. कटे हुए फल और पोदीना भी डाल दें. सर्व करने के लिए शैम्पेन गिलास न हों तो शीशे के लम्बे गिलासों में सर्व करें.

सजावट के लिए नीम्बू के फीते काट कर गिलास के रिम पर लगा दें और पोदीने के साबुत पत्ते ऊपर से डाल कर सर्व करें.

Wednesday, May 14, 2008

अमचूरी आलू

बडे साइज़ के चार आलू
काला जीरा एक छोटी चम्मच
पीसी लाल मिर्च एक छोटी चम्मच
अमचूर दो छोटी चम्मच
नमक स्वाद अनुसार
देसी घी दो बडे चम्मच
पानी आधा लीटर
गर्मी मे ये रेसिपी बहुत ही आसन है बनाना ।{ अनिता जी क्या आप इस के बारे मे कह रही थे ? क्योकि अभी एक आलू की डिश और हैं रसे की और रंजना हरिद्वारी आलू अगली रेसिपी होगी }
आलू को छील कर गोल गोल काट ले जैसे चिप्स के लिये काटा जाता हैं । बहुत पतला स्लाइस ना करे । आप चाहे तो चिप्स बनाने वाले स्लाईसर से भी इसके चिप्स जैसे बना सकते हैं ।
एक मोटी पेंदी वाले पीतल के पतीले को गरम करके इसमे घी डाले और घी मे जैसे ही धुआ निकले गैस कम करदे और फिर इसमे काला जीरा डाल दे । जीरा चटक जाए तो उसमे आलू डाल दे । ध्यान रखे आलू को धो कर आप ने पानी बिल्कुल सूखा दिया हो नहीं तो छीटा पड़ कर जलने का अंदेशा रहता हैं ।
आलू डालने के बाद २-३ मिनट तक इस आलू को घी मे पकने दे और हल्का हल्का उलटते पलटते रहें । फिर इसमे लाल मिर्च और नमक डाले । १ मिनट बाद इस मे दो गिलास { यानी आधा लीटर } पानी डाले । अब इसको ढक कर पकने दे । { प्रेशर कुक ना करे । } । जब आलू गल जाए तो उसमे अमचूर डाले और एक उबाल आने पर उतार कर गरम गरम परोसे । ये सब्जी ज्यादा गाढी नहीं की जाती हैं तो अगर आलू मे पानी कम लगे तो आप पानी की मात्रा को अपने हिसाब से कर ले ।
एक टिप
अमचूर बाज़ार मे पीसी खटाई के नाम से बिकती हैं । लेकिन हम लोग इस को घर मे बड़ी आसानी से बना लेते हैं । गर्मी के मौसम मे कच्चा आम या कैरी को छील कर सुखा ले और फिर मिक्सी मे पीस ले । कभी इसको डाल कर अमचूरी आलू बनाए आप को स्वाद मे फरक लगेगा ।

Tuesday, May 13, 2008

झटपट पनीरी अंदाज़

पनीर भी क्या अच्छी चीज है न ..सबके मन भाता और जल्दी से बनने वाला .इसका एक शाही अंदाज़ यह भी है अब पनीर तो पनीर है ..शाही तो होगा ही ..इसके बनाने के अलग अलग तरीके और खाने में यह है लाजवाब .मुझे वैसे वह रेस्पी बहुत अच्छी लगती है जो झटपट बन जाती है और पौष्टिक भी होती है अपने नए अंदाज़ के साथ ..[क्यूंकि फ़िर पढने लिखने को समय जधिक मिल जाता है और घर वालों को कुछ नया खाने को .:).दाल रोटी चावल की बहुत सी रेस्पी ने इस में मेरी बहुत मदद करी है ..अब तो रोज़ देख लेते हैं कि आज ब्लॉग रसोई में जो रेस्पी आई है उसको ही बना लिया जाए मैंने . अब इसको बना तो दिया पर नाम क्या दूँ यह समझ में नही आया ..सो झटपट पनीरी अंदाज़ नाम दे देते हैं ..

इसके लिए चाहिए ..
प्याज ..२ या ३ मध्यम अकार के बारीक कटे हुए
अदरक का एक टुकडा
लहुसन की कलियाँ ३ से ४
पनीर २५० ग्राम
दूध १ गिलास
गर्म मसला १ छोटा चम्मच
दाल चीनी २ टुकडा
लोंग २ या ३
नमक स्वादनुसार
लाल मिर्च अपने स्वाद से
हल्दी १ छोटा चम्मच
हरी धनिया की पत्ती खूब सारी :)
टमाटर २
हरी मिर्च २
तेल २ छोटे चम्मच
विधि
सबसे पहले कड़ाही में तेल डाले प्याज अदरक लहसुन दाल चीनी लोंग सभी को कड़ाही में डाल दे इन्हे हल्का लाल होने तक भुने फ़िर इन सब चीजों को टमाटर और हरी मिर्च के साथ मिक्सी में पीस ले उसी तेल में यह मसाला डाल कर फ़िर से भुने अब गैस को थोड़ा सा धीमा करे पनीर के छोटे छोटे टुकड़े डाल कर हिलाए हलके हाथ से फ़िर नमक हल्दी और गरम मसाला डाल कर दूध मिला ले और इसको थोड़ा गाढा होने तक बनाए गैस धीमी ही रखे क्यूंकि दूध फट सकता है ..हरा धनिया डाल कर लच्छे दार परांठे के साथ सर्वे करे ..और अपनी अगली रेस्पी इस को बना के कैसी लगी कमेंट्स के साथ जल्दी से यहाँ पोस्ट करे :)

गुजराती छुँदा और मसालेवाला पराँठा

आम के मीठे अचार को " गुजराती छुँदा " कहते हैं -



Mango Chhunda (५ केजी ) जितना बनाने के लिए आपको राजापुरी कच्चे आम लेने होंगें । आजकल भारत के बंबई जैसे शहरों में ये सडकों पे , ढेर सारे बिक रहे हैं।
ये काफी बड़े होते हैं सो, ६ आम लीजिये।



उन्हें छिलका निकाल कर ग्रेट कर लेँ --



अब लगभग १० कप जितना नमक , इस , (ग्रेट किया कच्चा आम आपके पास तैयार है ) उसमें मिलाएँ और १५ कप शक्कर मिलाएँ --



आधा कप जीरा , खुरदरा पीसा हुआ , हल्का भुना हुआ भी इस में मिला लें और १ कप लाल मिर्च पीसी हुई भी मिलाएँ ।
रीत :
१ : ग्रेट किया कच्चा आम नमक के साथ , खूब अच्छी तरह मल लीजिये जब् तक आम पानी ना छोड़ दे , तब तक मलते रहिये --
२ : अब शक्कर मिला कर उसे भी पिघल जाए उतनी देर मिलाएँ
ढँक कर , १२ से २४ घंटों तक , रहने दीजिये --
३: एक महीन मलमल का कपडा , इस बर्तन पे बाँध दीजिये फ़िर उसे कड़ी धूप में , पकने के लिए रख दीजिये , नीचे एक बड़ी परात में पानी भी रखिये ताकि, चींटी ना लग जाएं --



४: रोज , शाम होते , अचार का बर्तन भीतर ले आयें और रोज सुबह धूप में रखें -- ये क्रम जारी रखिये , जब तक , शक्कर घुल कर , गाढी ना हो जाये --



इस प्रक्रिया को , पूरा होते , ८ से १० दिन का समय , लगेगा ५: भूना हुआ जीरा व लाल मिर्च को इस आम के मिश्र में मिलाकर १ दिन तक और , धूप में रखें।
६: अब आपका मीठा आम का अचार या " छुँदा " तैयार है !



इसे साफ कांच की बरनी में भर लीजिये -



ये १ साल तक टिकता है -



" थेपला "



अब गुजराती मसालेवाला परांठा , जिस को



" गुजराती थेपला " कहते हैं उसकी विधि नोट कीजिये -



गेहूँ के आटे मेँ १ चम्मच तेल डाल कर , उसे मल लेँ ,उसी मेँ , हरी मेथी की पत्तियाँ, साफ कर के बारीक काट कर मिला लेँ, पीसी हुई हरी मिर्च, थोडी अदरख ,चुटकी भर हीँग, जीरा हथेलियोँ पे मल के, थोडी सी अजवाइन भी इसी तरह मल कर मिला लेँ। हल्दी,लाल मिर्च , धनिया पाउडर भी मिला लेँ, और १/२ चम्मच शक्कर भी मिलायेँ अब ये सारा मसाला लिये आटा, दही से गूँथना है - आटा नरम ही रखियेगा तभी हल्की आँच पर सेँकने पर "थेपले " स्वाद बनते हैँ। पराँठे की तरह एक एक करके इन्हेँ roast कर लीजिये -



ये २ दिन तक अच्छे रहते हैँ और यात्रा पर भी आप इन्हेँ साथ ले जा सकते हैँ .. ( मैँ अक्सर ले जाती हूँ ! ) और इस मेथी से बने गुजराती थेपले को आपने जो इतनी मेहनत से गुजराती खट्टा मीठा " गुजराती छुँदा " बनाया है उसके साथ और दही या आम रस के साथ खाइये ...

Monday, May 12, 2008

क्रीम डिलाइट

वांगी भात की दावत के बाद कुछ मीठा हो जाये.यह फ़ैट फ़्री डिश है,इसका फ़ोटू देख कर कैलोरीज़ से ना घबरायें.गर्मियों की दावत हो तो यह डिश सबका मन मोह लेगी, पेट भरा होने पर भी सब एक एक्स्ट्रा हेल्पिन्ग लेने से नही चूकेंगे.तो लीजिये पेश है,
क्रीम डिलाइट;


सामग्री

अमूल या विजया का फ़ैट फ़्री क्रीम---- २०० ग्राम (एक छोटा पैकेट २०० ग्राम का ही आता है)
पिसी हुई चीनी----------------- १०० ग्राम
खाने वाला रंग----------------- पीला/गुलाबी/नारंगी (ऐच्छिक)
एसेन्स---------------------- पाइन-एपल/स्ट्राबेरी/ओरेन्ज (३-४ बूंदें)
अनार के दाने----------------- १/२ कटोरी
पाइन एपल------------------- १/२ कटोरी (बडे आकार में कटे हुए)
संतरे की फ़ांके----------------- ८-१० (यदि उपलब्ध हो तो)
काले अंगूर --------------------१०-१२
पाइन एपल या ओरेन्ज या स्ट्रा-बेरी जेली- १ पैकेट (वे्जिटेरियन)

अब आइये मज़ेदार क्रीम डिलाइट बनायें :

सबसे पहले जो भी फ़्लेवर आपको पसंद है, उसकी जेली पैकेट पर दिये निर्देशानुसार बना लें.वेजीटेरियन जेली सिर्फ़ आधे घण्टे के अन्दर जम जाती है.अब आप एक भगोने या गहरे बर्तन में क्रीम निकाल लें और बीटर से उसे तब तक फ़ेंटे जब तक पीक्स ना उठने लगें.अब इसमें बहुत हल्के हाथ से पिसी चीनी मिला कर फ़ेटें.चीनी आप अपनी पसंद से कम ज्यादा कर सकते हैं.अगर छोटे बच्चे आस-पास हैं तो अनार-संतरा छीलने का काम उन्हें दे दें किन्तु अपनी रिस्क पे. थोडी सी क्रीम में जेली के फ़्लेवर के अनुसार रंग और एसेन्स मिला लें.मसलन यदि पाइनेपल जेली है तो पीला रंग,ओरेन्ज जेली है तो नारंगी रंग और स्ट्रा बेरी जेली है तो गुलाबी रंग.इसी प्रकार से इस रंगीन क्रीम में एसेन्स की बूंदें मिला लें.हमारी तैय्यारी पूरी है, अब काम बचा है, इसे सजाने का.एक बडी आकार की चपटी ट्रे या फ़ैला हुआ सिरामिक अथवा बोरोसिल का पात्र ले लें और उसके बीचोंबीच जेली रख दें.अब इसके आस पास सफ़ेद क्रीम फ़ैला दें. अब अपनी क्रिएटिविटी और कल्पना के घोडे दौडाते हुए इसे फ़लों और रंगीन क्रीम से सजा दें.थोडी मदद आपको ऊपर दिया गया चित्र दे देगा.आपकी मनभावन क्रीम डिलाइट तैय्यार है. अब इसे फ़्रिज में खूब ठण्डा करें और मेहमानों के सामने पेश करें.

वांगी भात

अक्सर विवाह समारोहों में यह व्यंजन बनाया जाता है और खूब चाव से खाया जाता है ।
घर में भी आप इसे काफी आसानी से बना सकते हैं । पर सुनने के लिये तैयार रहिये कि
शादी वाले वांगी-भात का मजा नही आया । नही नही मैं भला आपको ऐसा सुनवाऊँगी ।
सारी बारीकियों के साथ लाई हूँ ये रेसिपी ।
सामग्री – २ कटोरी बासमती चावल, १२५ ग्राम छोटे बेंगन चार फांक किये हुए लेकिन पूरे न काटें, कढी पत्ता १० -१५ पत्ते, हरा धनिया कटा हुआ , जीरा २ चम्मच, सूखा धनिया २ चम्मच, नारियल सूखा कद्दूकस किया हुआ २-३ बडे चम्मच, मराठी गरम मसाला या गोडा मसाला, १-१.५ चम्मच, काजू ८-१० नग (यदि चाहें तो ) कढी पत्ता ३-४ , काली सरसों १छोटा चम्मच, हल्दी चौथाई चम्मच, लालमिर्च पिसी आधा चम्मच , तेल ३ बडे चम्मच, नमक स्वादानुसार, एक छोटी डली गुड या आधा चम्मच चीनी। दही आधी कटोरी .




विधी – चाँवलों को १५-२० मिनिट पहले धोकर रखें । धनिया जीरा और नारियल अलग अलग भून कर सूखा पीस लें । अब एक बडे भिगोने में या कुकर में तेल गरम करें , सरसों डाल कर चटखायें, करी पत्ता डालें फिर करीपत्ता, हल्दी और लाल मिर्च डालें और चावल तथा बैंगन डाल कर भूनें । एक पतीली में ४ कटोरी से थोडा कम पानी उबालें, चावल भुन जाने पर पानी डाल दें । नमक, गुड, गोडा मसाला डाल कर कम आंच पर १० मिनिट पकायें अब दही डालें और सूखे पिसे मसालें डाल कर एक बार हलके से चला दें । ढक्कन रख कर अच्छी भाप आने दें। फिर कटा हरा धनिया डाल कर गरम गरम परोसें । काजू डालनें हो तो तड़के मे डाल सकते हैं या तल कर ऊपर से सजा सकते हैं पर तडके में डालने से अच्छा स्वाद आयेगा । स्वाद और बढाना हो तो अंत में एक चम्मच देसी घी डाल कर परोसें । कैसा लगा आपको ये वांगी भात, बतायें जरूर ।

गोडा मसाला बनाने की विधी
१ कटोरी सूखा धनिया
चौथाई कटोरी जीरा
१ बड चम्मच काली मिर्च
५-६ दालचीनी के टुकडे
१ बडा चम्मच लौंग
४-५ तेज पत्ते
२ बडे चम्मच तिल
२ बडे चम्मच सूखा नारियल कद्दूकस किया हुआ
इन सब चीजों को अलग अलग भूनकर मिक्सी में पाउडर बनाकर मिला लें, हो गया गोडा मसाला तैयार ।