दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Tuesday, August 26, 2008

मटर की कचौरी


मैं आज अपनी सबसे हिट रेसेपी दे रही हूँ जो की परिवार वालों को इतनी पसंद है कि जब भी कचौड़ी बनाती हूँ ,किसी से ,बनने तक के समय का सब्र नहीं होता ,और हर २ मिनट में सब चौके में आकर देख जाते हैं कि कितनी बन गई.......
इसके लिए पहले मुलायम मटर को उबाल कर दरदरा पीस लें . फ्रोजेन मटर की पैकेट का भी उपयोग कर सकते हैं ; ये उबले हुए ही मिलते हैं और इन्हे सिर्फ़ दरदरा पीसने की जरुरत होती है . एक कढाई में सौंफ और जीरा का छौंक डाले ,और मटर सेंकें .१५ मिनट में मटर की नमी सूख जायेगी .इसमे स्वादानुसार नमक , हल्का गरम मसाला डालें और सेंकें .आँच बंद कर के इसमे काला नमक डाले ,जिससे नमक की खुशबू बनी रहेगी .फिर मैदा गूँथ लें . २ कप मैदे में ,करीबन १\२ कप तेल और १ छोटा चम्मच नमक डालते हैं. गूथें मैदे में से रोटी जितनी की लोई लें और उसे अच्छी तरह चपटा कर के मटर भरे .इस मटर भरे लोई को अच्छी तरह पानी लगे हाथों से सील करना है नहीं तो ये तलते समय फट जाएँगी और मटर बाहर आ जाएगा . सारी कचौड़ियों को अच्छी तरह सील कर के बिल्कुल कम आँच पर तलनी हैं...... नहीं तो तेज़ आँच पर तलने से कचौड़ी अन्दर से कच्ची रह जायेगी और बाहर से पकौडी की तरह फूल जायेगी . कम आँच में तलने से करीबन १० मिनट लग जाते हैं.रंग आने पर उतार लें , और धनिये की हरी चटनी के साथ परोसें।

9 comments:

रंजू भाटिया said...

बहुत बढ़िया ..बरसात में इसको बनाने का मजा आएगा शुक्रिया स्वाति

Anonymous said...

swaadisht

Waterfox said...

मुह मे पानी आ गया!
पर पीसने के लिये कुछ नही है, क्या कर सकते है? प्लीज़ बताइये!

Nitish Raj said...

बहुत ही स्वादिस्ट लेकिन बारिश में चाय और सौस के साथ।

Udan Tashtari said...

भूख लग आई..अब बना कर खिलाना पड़ेगा. :)

art said...

अभिषेकजी , आप फ्रोजेन मटर की पैकेट लाकर उन्हें ,हाथ से ही कूट लें या mash कर लें तो भी बन जाएगा. समीर भइया मटर की कचौडी खाने के लिए तो अब आप को दुबई आना ही पड़ेगा .....

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

शुक्रिया स्वाति जी और अभिषेक भाई, यहाँ ( अमरीकी फ्रोजन मटर ) चम्मचसे भी मेश हो जाता है :)
- लावण्या

Waterfox said...

ओह सही! धन्यवाद स्वाति जी. हाथ से मैश हो जाएगा तब तो ज़रूर बनाएगे!

* મારી રચના * said...

yummmy......aaj fast hai aur muah mai pani aa gaya..... lolzz...