दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।
हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ
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Wednesday, August 27, 2008
कलकत्ता का चुरमुर
यहाँ दुबई में बैठे बैठे जब भी कलकत्ता की याद आती है ,तब साथ ही याद आता है चुरमुर ,पुचका का स्वाद जो की हमेशा से ही मेरी कमजोरी रही है। इसलिए चुरमुर अब घर में ही बनाना शुरू कर दिया है जो इतना मुश्किल भी नहीं है ...
इसके लिए पहले रात भर भिगोये हुए लाल चने उबाल लें,आलू भी उबाल कर अलग रख लें. बेसन की पकोडियां तल कर ,गुड की डली से मीठे बने पानी में भिगो दें. पानी में गुड कम से कम २ डली डालें , ताकि पानी अच्छे से मीठा हो जाए ,फ़िर उसमे पकोडियां भिगो दें .इमली पेस्ट में थोडी चीनी डाल कर अलग रख लें .तली हुई पापडी और बारीक कटी हुई धनिया पत्ती भी अलग रख लें .अब एक बर्तन में आलू और उबला लाल चना mash करें , उसमे मीठे पानी में भीगोई हुई पकोडियां mash करें , बचा हुआ मीठा पानी भी थोड़ा मिला लें , इसमे नमक ,काला नमक , पीसा हुआ भुना जीरा , चाट मसाला और पीसी हुई लाल मिर्च पाउडर मिलाएं .इमली पेस्ट मिलाएं ,१ निम्बू का रस डालें , और पापडी चूर कर डाल दें .तुंरत serve करें , ताकि पापडी नरम ना पड़े .ऊपर से धनिया पत्ती बुरका दें .इस चाट का असली मज़ा पत्तल से बनी हुई कटोरियों में चाट चाट कर खाने में ही आता है .
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7 comments:
हमे तो कोलकाता में रहकर भी धनबाद का चुरमुर पसंद है.पर आपकी चुरमुर देखकर इस बारे में दुबारा सोचने का ख्याल आ रहा है.
ह म म म म म म...मुह में पानी ला दिया आपने...
नीरज
पढकर ही मुँह में पानी आ गया .....
ये तो नई डिश पता चली! वाह!!
उफ्फ्!!! मन कर रहा है अभी खाने को मिल जाये!
Yummm ...Sounds so great !!
if this way i got the recipe i will be always hungry and in kitchen only
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