दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Friday, August 29, 2008

जापानी खाना चित्रों मे

जापान मे काम की भागम भाग मे लोग घरो मे खाना ना बना कर बाहर ही खाना खाते हैं । सुबह सवेरे नहा धो कर ७.३० बजे तैयार हो कर घर से निकले , अपनी पसंद का खाना चुना , कैफे मे गए , आर्डर दिया , खाना खाया , पैसे दिये और दफ्तर के लिये दौड़ लगाई । वही शाम को वापसी पर या तो खाना खाया या पेक कराया और घर वापिस । न बर्तन धोने का झंझट ना पकाने की परेशानी क्युकी इतना काम हैं की खाना केवल प्रक्रिया हैं पेट पूजा की ।

और खाना आर्डर करना निहायत आसन , आप को अंदर जा कर मेनू कार्ड देखने की जरुरत नहीं होती , सब कुछ पक कर जैसा लगेगा , बाहर शो विण्डो मे सजा होता हैं । आप बस अपनी जेब देखे , जितने येन { जापानी करंसी } आप के पास हैं उसके हिस्साब से खाने के नीचे लिखे हुए दाम को काउंटर पर रखे और अपनी पसंद का खाना खाये ।

कुछ चित्र हैं आप लोगो के लिये , मुंह मे पानी आ जाता हैं इनको देख कर जबकि ये असली नहीं हैं वरन रेप्लिका हैं असली खाने के



8 comments:

Anita kumar said...

badhiya jaankaari, dhanywaad

seema gupta said...

Very interesting article to read, thanks for sharing.

Regards

दिनेशराय द्विवेदी said...

खाद्य बहुत सुंदर लग रहा है चित्रों में। खाने में कैसा होगा यह तो वही बता सकता है जो स्वाद ले चुका हो। वैसे हमें घर पर पका हिन्दुस्तानी खाना बहुत पसंद है। घर पर अकेले रह जाने पर भी बाजार जा कर खाने के स्थान पर अपने हाथों कैसा भी बना कर खाने मे जो आनंद आता है उस की कोई तुलना ही नहीं।

रंजू भाटिया said...

बहुत बढ़िया जानकारी रचना जी

L.Goswami said...

sundar hai par jane swad kaisa ho ...

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

एक मित्र जापान यात्रा से लौटकर बता रहे थे कि
वहाँ हवा मेँ,
अजीब सी मत्स्य गँध
तैरती है !
जो तुरँत हरेक का
स्वागत करती है -
मैँने कहा ,
"अगर ऐसा हो तब तो
मैँ,
कुछ खा ही नहीँ पाऊँ !
:-( " EEks !
हमेँ भी शुध्ध शाकाहारी
और खासकर
भारतीय भोजन ही
सबसे ज्यादा पसँद है !
Can you imagine eating Jello & pudding ( like it is in the pic.s ) along with a strong "Fishy" smell ? I'd say, Thanx ..but..no thanx !

- लावण्या

Udan Tashtari said...

रोचक जानकारी!!

Anonymous said...

@lavanya ji
no mam its nothing like that . there is no smell of fish any where in the food markets . yes there are speciallized stores where the whole store is dedicated to cooking there is aroma or smell as you call it . i am myself a veg but i did not feel any repulsivenss in ths shops where non veg is being sold . ofcourse it goes beyond saying i had my grub at an indian resturant .