दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Thursday, September 18, 2008

सूजी की खीर

kheer

एक बार मन किया कि इस फोटो को कहीं लगा कर पहेली बूझने को कहूँ कि क्या है?
क्या आपने सूजी का हलुआ बनाया है. सबको खिलाने के बाद और खुद खा लेने के बाद भी बच गया.
एक बेहतरीन डिश बताते हैं. उन्हीं मेहमानों को जिन्हें नाश्ते में हलुआ खिलाया था. खाने के साथ डिजर्ट में सूजी की खीर खिलवाओ.
करना क्या है?
हलुए को लेकर एक पेपर टावेल में थोड़ा दबा कर उसका घी कम लेवें, जितना संभव हो. फिर उसे किनारे रख लें.
एक भगोने में दूध गरम करने चढ़ा दें हल्की आंच पर. धीरे धीरे गुलाबी होने दें उस दूध को. हल्का गुलाबी होने पर यह हलुआ उसमें डाल दें. सबके साथ दूध में मिलाकर चलाते रहें. कई बार टुकडे बन जाते हैं, उन्हें गरम होते होते दो चम्मच के बीच में दबा कर तोड़ दें. अंत में केसर की थोड़ी सी मात्रा-फिर, परोसने के लिए जिस स्टाईल में चाहें.
आशा है, सरलतम डिजर्ट पसंद आया होगा

10 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

कहीं तो छोड़ो महाराज उडन तश्तरी को रसोई में घुसा दिया। वह भी बचे हलवे की डिश के साथ। बना कर देखेंगे। स्वादिष्ट लगा तो बधाई जरूर देंगे। मगर गृहमंत्रालय से परमीशन जरूरी है।

राजीव रंजन प्रसाद said...

सर जी हमारे जैसे सत्यानाशी कुक के लिये भी अच्छी रेसेपी है..:)

Anonymous said...

bhai wah.... subah ki tajgi duguni kr di..... likhte rhiye....

seema gupta said...

' wow, very interesting, m going to try it"

Regards

Anonymous said...

अच्छा है, भाभीजी को पंसद आई ?

रंजू भाटिया said...

बहुत अच्छी सेवा कर रहे हैं आप समीर जी ..बचा हुआ हलवा खपाऊ रेस्पी पसंद आई :)

Anonymous said...

आपने पुनेह एक रेसीपी दी , आप का आभार . सूत्रधार की हसियत से कुछ बदलाव कर दिया . हो सकता हैं आप नाराज हो गए हो पर इस ब्लॉग को एक प्रोफेशनल ब्लॉग के रूप मे बना कर हिन्दी मे भारतीय व्यंजनों को लिखना ही मकसद हैं . गूगल मे आसानी से रेसिपी खोजी जा सके इसके लिये हेडिंग मे जरुरी हैं की हम रेसिपे का नाम डाले
बुरा लगा हो तो क्षमा कर दे

महेन्द्र मिश्र said...

apki sooji kheer dekhakar anad aa gaya or munh me pani aa gaya . ab kisi se banavane ki jugaad kar raha hun .

Udan Tashtari said...

दी
बुरा लगने का क्या प्रश्न है..हाँ आपका क्षमा मांगना जरुर बहुत जोरों से बुरा लगा है, अब मनाईये.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Wah ji Wah ...Ye to badee tasty dish hai - Sukriya jee :)