दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Tuesday, May 12, 2009

मछली - दिल और दिमाग के लिए फायदेमन्द

आज के युग में बढ़ते मानसिक तनाव को दूर करने के लिए भोजन में मछली बहुत फायदेमन्द है. मछली में 'ओमेगा 3' नाम का फैटी ऐसिड और प्रोटीन दिल और दिमाग के लिए तो अच्छा है ही, आँखों के लिए भी लाभकारी है
आज की मछली 'ब्लैक पोमफ्रेट' है.... जिसे 'बटरफिश' कहा जाता है। इस मछली में विटामिन ए , डी और बी के साथ साथ बी 12 भी होता है जो नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है। आँखों , बालों और त्वचा के लिए भी बहुत फायेदेमन्द है।

मछली की चमक और समुद्री गन्ध का अर्थ है कि वह ताज़ा है... पकाने से पहले अच्छी तरह से धो लें.




स्वादानुसार अदरक लहुसन का पेस्ट, नमक, हल्दी, लाल मिर्च मिला लें.




पेस्ट को कटी हुई मछली पर अच्छी तरह से लगाएँ .







मछली की स्किन पर भी मसाला अच्छी तरह से लगाएँ...खाने में स्किन स्वादिष्ट होती है.





30 मिनट से 45 मिनट तक मसाला लगी मछली को फ्रिज में रख दें.



मछली तलने से 10 मिनट पहले बाहर निकाल रखें...फ्राइपेन में तेल उतना ही डालें जिसमें एक हिस्सा पक सके। पहले स्किन वाली साइड को अच्छी तरह से तले।
अब धीरे से मछली को पलट दें.. ध्यान रखें कि टूटने न पाए... बीच बीच में देखते रहें कि हल्के लाल रंग के होने पर फौरन गैस बन्द कर दें और सर्विंग प्लेट में रखें।

सर्विंग प्लेट में हरे पत्ते बिछाकर मछली को रखें... हरे पत्तों में धनिया, पुदीना, पार्सले ,चोलाई और प्याज़ और लहुसन के पत्ते रखें.. उबले हुए चावल के साथ गर्मागर्म परोसें.

5 comments:

Arvind Mishra said...

मछली एक सम्पूर्ण आहार तो है ही ,यहाँ चित्रों से सुसज्जित पाक विधि का तो जवाब नहीं !

Udan Tashtari said...

जो जिसका मन हो वो कहे..साधना का तो आपने दिन बनवा दिया. हम तो सिर्फ रिवर फिश..याने रोहु, कतला ही खा पाते है. सी फूड में जरा स्मेल सी आती है दिमागी तौर पर.

Science Bloggers Association said...

काश, मैं मछली खाता होता।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Waterfox said...

काश, मैं मछली खाता होता।

Science Bloggers Association said...

इतना लम्बा सन्नाटा?

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }