दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Thursday, April 24, 2008

पनीर की झटपट तैयार होने वाली चटपटी सब्जी

पनीर २५० ग्राम { हमारे यहाँ इतना ही मंगाते है एक बार मे !!!!!!!!!!}
टमाटर ३ बीच की साइज़ के { तौल नहीं दे पाउंगी !!!!}
प्याज २ बीच की साइज़ के
हरीमिर्च ३-५ स्वाद के हिसाब से
साबुत सूखी लाल मिर्च २
अदरक १ छोटा टुकडा
लहसुन की २ पत्ती { हम अपने यहाँ गमले मे लहसुन बो लेते हैं और उसकी हरी पत्ती को इस्तमाल करते हैं }
प्याज की २ पत्ती { आप स्प्रिंग onion ले सकते है }
नमक , हल्दी , पीसी लाल मिर्च सब स्वाद के हिसाब से
olive आयल या धारा ४ बडे चम्मच
हरे धनिये , पुदीना और तुलसी कि पत्ती
पनीर को हाथ से तोड़ ले छोटे छोटे टुकडों मे , टमाटर और प्याज के भी टुकडे करले और सारी सामग्री मिक्सी मे डाले , इसमे उपर दिये गए सब मसाले भी डाले , लहसुन और प्याज के पत्ते भी । अब इसमे olive आयल या धारा ३ चम्मच डाले । आयल भी मिक्सी के जार मे ही पड़ेगा , और फिर इसमे अंदाज से पानी डाले { २ -५ छोटी चम्मच } और इसको मिक्सी मे हल्का दरदरा पीस ले जिस से प्याज और टमाटर और मसाले पनीर के साथ पूरी तरह पिस जाए ।
एक नॉन स्टिक कढाई को खूब गरम करके बचा हुआ आयल उसमे डाल दे और फिर पनीर का मिक्स उसमे डाले । अगर बहुत गाढा हो तो थोडा पानी डाले और फिर ३-५ मिनट तक पकाए , जैसे ही सब्जी मे आयल का रंग लाल हो जाए , उतार कर , हरे धनिये , पुदीना और तुलसी कि पत्ती से गार्निश करे ।

कभी कभी २-४ काजू किशमिश भी साथ मे पीस ले हर बार स्वाद फर्क हो जायेगा
इसको बनाने मे समय बहुत कम लगता हैं सो बचे हुए समय मे जाए और सब के ब्लॉग पर टिपण्णी करे !!!!
एक कुकिंग टिप
तुलसी की पत्ती का इस्तेमाल करे धनिये और पोदिने की पत्ती की जगह या उसके साथ , स्वाद के साथ गुण भी बहुत होते हैं ।

6 comments:

रंजू भाटिया said...

बहुत ही जल्दी बनाने वाली सब्जी लिख दी है आपने ..जल्दी ही बनेगी यह रंजना भोजनालय में भी :) तुलसी वाला आईडिया बहुत ही अच्छा लगा .शुक्रिया इसको यहाँ शेयर करने के लिए रचना :)

मसिजीवी said...

उम्‍मीद है अच्‍छी बनी होगी। मौका लगा तो कोशिश करेंगे।

आपके ब्‍लॉग की टैंपलेट पढ़ना मुश्किल बना रही है, बदलाव पर विचार करें।

Anita kumar said...

बढ़िया रचना , तुलसी वाला आइडिया हमारे लिए नया है। जरूर ट्राई करेगें। पहली बार ये सब्जी कब बनाई, इसके साथ जुड़ी कोई यादें हों तो वो भी बताइए न

said...

अरे वाह!
हिन्दी चिठ्ठा जगत में यदि किसी चीज़ की कमी थी तो वह था ऐसा एक ब्लॉग.
वैसे मुझे खाना बनाने और खाने - दोनों में ही काफ़ी रूचि है :)

सौरभ

और हाँ टेम्पलेट बदला जा सकता है तो बेहतर होगा...

Anonymous said...

रंजना भोजनालय
sabzee ban kar kaisii nikli jarur likhey
masijeevi
banaakar baatey kii kyaa kami rahee aur temeplate kii background halki kardee haen mera computer designing kae liyae set so mujeh template bikul saaf dikhrahee rahee
anita maam
mae jyaada vartmaan mae jeete sabsey pehli baar kab banaaye uskii koi memory yaa sansmarn nahin haen . aap banaye aur baatey kaisi lagii . cooking mae samay kam lagaey aur vairty jyaada baney bus mujeh itinaa he aataa haen !!!
saurabh
aapko blog achcha lagaa thanks per cooking per kaii blog pehlae sae haen hindi bloggers kae , haan yae group blog haen aap chahey to sutrdhaar ko mail daekar join karsakety haen . temeplate kaa colour halka lar diya haen

Anonymous said...
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