दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Monday, September 8, 2008

वेजिटेबल पकोरा

आज की रेसिपी की बात ही खास है....इसे आप सुबह या शाम के नास्ते मे ले सकते है...यह नमकीन है, चटपटी है लेकिन है बिना लहसुन या प्याज के| है न मजेदार बात....अब आइये बनाने की विधि जानते है|

सामग्री :
-घोल के लिए
मैदा--------------१/२ कप
सूजी--------------२-३ चम्मच
नमक-------------स्वादानुसार
- पकोरा के लिए
अपनी पसंद की सब्जिया जैसे की
फूल गोभी, गाजर, बिन्स, शिमलामिर्च, उबले आलू (सब थोडी थोडी मात्रा मे)
हरी मिर्च--------------२ से ३
नमक-----------------स्वादानुसार
लाल मिर्च पाउडर-----थोडी सी
हल्दी-----------------थोडी सी
अदरक पेस्ट----------१ चम्मच
जीरा पाउडर ---------१ से २ चम्मच

विधि:
मैदा, सूजी, नमक को मिला कर एक घोल तैयार कर ले| घोल ना ही बहुत पतला हो और ना ही बहुत गाढा|
अब अपनी पसंद की सब्जियों को थोड़े बड़े आकर मे काट ले और इसे ५-८ मिनट तक पानी मे उबाल ले (इससे सब्जियाँ थोडी नरम हो जायेंगी)| अब सब्जियों को ठंडा करके कद्दूकस(ग्रेट) करले और उबले हुए आलू के साथ अच्छी तरह मिला ले| अब इस मे नमक,हल्दी, अदरक पेस्ट, हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर भी अच्छी तरह मिला ले| एक कडाही मे तेल गरम होने के लिए रख दे|अब इस तैयार मिश्रण से छोटे छोटे गोले बना ले| हर गोले को मैदे के घोल मे डुबो कर अच्छी तरह लपेट ले और मध्यम आंच पर पकोरे की तरह छान ले| इस तरह आपके वेजिटेबल पकोरे तैयार हो जायेंगे|
इस बार मै कोई फोटो नही लगा पायी इसके लिए खेद है| लेकिन मुझे उम्मीद है की आप सबको यह रेसिपी लाजबाब लगेगी|

6 comments:

कामोद Kaamod said...

बढिया है "वेजिटेबल पकोरा"..
चलिये सुबह के नाश्ते का अच्छा इंतजाम कर दिया आपने.. जरा जल्दी भिजवा देना.. खुशबू अच्छी आ रही है.. :)

राज भाटिय़ा said...

कल शाम को चाय के साथ, अगर आप आना चाहो तो पहले बता देना, ताकि बीबी आप के लिये भी बना लेगी फ़िर बतायेगे केसे लगए
धन्यवाद

Anonymous said...

keep writing its important we contribute as many dishes as possible
rachna

shelley said...

waah bina banaye hi jiv par swad aa gaya. ab to banana hi padega.

मेनका said...

aap sabhi ka dhanyabaad...filhaal to internet ki jai ho isi ke jariye sabse bhet mulakat hoti rehti hai. :)

Asha Joglekar said...

वा वा बडे मजेदार !