बड़ा डर टाइप लग रहा है, एक नौसिखिया बेचलर एक्सपर्ट लोगों की मंडली में शामिल हो कर विधि बता रहा है॥ दिल में 'धरती फट जाए और मैं इसमे समा जाऊँ', वैसे वाली फीलिंग आ रही है!
खैर, ओखली में सर दिया तो मूसल से क्या डरना।
सामग्री:
लौकी
बेसन
आलू (आवश्यक नहीं)
प्याज २ बारीक कटे हुए
टमाटर २ छोटे छोटे कटे हुए (टमाटर की प्यूरी हो तो और बेहतर)
हल्दी पीसी १/२ चम्मच
धनिया पिसा २ चम्मच
लाल मिर्च पीसी १/४ चम्मच
नमक स्वाद अनुसार
लौकी को छील कर ६ इंच के टुकड़े कर लें। इसको उबाल लीजिये, कुकर की एक सीटी काफ़ी होगी। ठंडा कर के इसके बीज निकाल दीजिये। (मैं ऐसे करता हूँ, आप चाहें तो बीज निकालने के बाद उबलने के लिए रखिये, बस टुकड़े बड़े होने चाहिए नहीं तो आगे थोडी मुश्किल हो सकती है.)
लौकी को मुट्ठी में दबाकर पानी निकाल दीजिये (यह पानी फेकने के बजाये आता गूथने के काम में उपयोग कीजिये) इस दबाई हुई लौकी में नमक, मिर्च मिला लीजिये। अब आप चाहे तो उबले और मैश किए हुए आलू मिला सकते हैं। बेसन मिलाइए जब तक आप इस मिश्रण से छोटे छोटे गोले नहीं बना पाते। गोले थोड़े ठोस होने चाहिए, ये न हो कि ग्रेविटी से ये गोल से चपटे हो जाएं!
इन गोलों को तेल में तल लीजिये जब तक ये भूरे-लाल न हो जाएं।
तेल गर्म कीजिये, प्याज सुनहरे होने तक भून लीजिये (चुटकी भर नमक डालने से यह प्रक्रिया तेज़ हो जाती है!) टमाटर (या टमाटर की प्यूरी ४ चम्मच) और बाकी मसाले डाल कर दो मिनिट पकाइए. ग्रेवी अच्छी सी हो तो मज़ा ही कुछ और होता है! पानी ज़्यादा मत डालियेगा।
अब इस ग्रेवी में तले हुए गोले डाल दीजिये। थोड़ी देर तक ढक कर पकने दीजिये जिससे ग्रेवी का स्वाद इन के अन्दर तक समा जाए।
लौकी के कोफ्ते बन गए :)
(कुछ गलती हुई हो तो नादान समझ कर माफ़ कीजियेगा। इसको बेहतर बनाने के तरीके आपको पता ही होंगे, वो भी बताइयेगा.)
8 comments:
सबसे पहले आप ने ब्लॉग जों किया इसके लिये थैंक्स और
यह पानी फेकने के बजाये आता गूथने के काम में उपयोग कीजिये)
(चुटकी भर नमक डालने से यह प्रक्रिया तेज़ हो जाती है!) ये टिप्स केवल कोई एक्सपर्ट ही दे सकता हैं सो आप हम सब को अपनी एक्सपर्ट रेसिपे भेजते रहे .
अब बात लौकी के कोफ्ते की
अगर कभी कुछ ज्यादा समय हो तो लौकी को उबलने की जगह कद्दू कास पर घिस कर बनाये आप को तसते मे फरक लगेगा . पर विधि बढ़िया हैं और कुकिंग करना एक कला हैं जिस मे पारंगत हो जाने मे सबकी भलाई हैं
अरे वाह अभिषेक तुम तो बहुत अच्छा खाना बना लेते हो भाई, हम तुम्हारी किचन पर धावा बोलने आ रहे हैं, आलू की कचौरी खिलाओगे या समोसे? हमें दोनों पसंद हैं।
बाकी रचना जी सही कह रही हैं, हम भी कच्ची लौकी को कद्दूकस कर के बनाते हैं ये कोफ़्ते। अब तुम कहोगे फ़िर बीजों का क्या? अरे भाई, लोकी खरीदने के वक्त इस बात का ध्यान रहे कि लोकी छोटी, पतली और एक्दम ताजा हो, बीज एक दम न के बराबर होगें और कद्दूकस हो जाएगें।
बढ़िया है यह रेस्पी कोफ्ते पसंद नही पर कोशिश जरुर करेंगे इस को बनाने की शुक्रिया
ये तरीका तो नया पता चला-हम तो कद्दूकस करके बनाते हैं. यह भी ट्राई करेंगे.
लज़ीज़ जानकारी
tasty kofte, khnae ke liye kab aaye
ये हुई ना बात ! आप भी शुरु हो गए । बधाई !
अब आप सब से क्या छुपाना! कद्दूकस है नही सो उबाल कर उसको मैश करना आसान पडता है... अब बेच्लर की रसोई मे ज़्यादा सामान तो होता नही ना...
आप सब का बहुत धन्यवाद.
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