आज कल ज़िम्मिकंद खूब आता हैं और हमारे याहाँ दिवाली पर इसकी पकोड़ी जरुर बनती हैं । सोचा इस बार आप सब भी बनाए इस लिये ये छोटी रेसिपी दे रही हूँ ।
ज़िम्मिकंद उबाल ले । और उबालने के बाद उसका मोटा छिलका चाकू से छिल कर अलग कर दे और ज़िम्मिकंद के छोटे छोटे टुकडे { १/४ इंच मोटे और २ इंच चकोर अंदाज से } कर ले ।
एक बड़ी कटोरी चावल सेला रात को भिगो कर रख दे और पीस ले मोटा मोटा । इसको गाढा रखे ।
इसमे नमक , हल्दी , पीसी लाल मिर्च डाले और फेट ले ।
कढाई मे सरसों का तैल गरम करे और जब धुआं निकालने लगे तो गैस कम कर दे ।
अब ज़िम्मिकंद के टुकडो को चावल के मिक्स मे डाले और ज़िम्मिकंद मे चावल लपेट कर कढाई मे डाले ।
ये टुकडे आपस मे चिपक जाते हैं तलते समय सो कोई बात नहीं है जब पक जाए तो एक प्लेट मे टिशु पेपर पर इनको निकाल कर अलग अलग करे ।
हर्रे धनिये की चटनी के साथ बहुत मज़ा आता हैं खाने मे ।
टिप
अगर ये पकोड़ी आप किसी ऐसे व्यक्ति को खिलाना चाहते हैं जिसको दांतों मे प्रॉब्लम होते हैं तो चावल को बारीक पीस कर बनाए वरना ये बहुत कडे बनते हैं {और वही असली मज़ा भी देते हैं} पर घर के बुजुर्गो के लिये खाना बहुत मुश्किल होता हैं ।
9 comments:
"ye dish to pehle baar sunee, try krke dekhenge...thanks for sharing"
Regards
hmmm banati hu.n abki diwali par
उत्तर भारत में जिम्मी कंद खुजलाती है, किसी केरल वाले की दूकान से खरीदें. केरल की जिम्मी कंद बिल्कुल ही नहीं कुजलाती.
आभार.
कोई भी सब्जी जिसमे कांटते समय हाथ मे तुर्शी लगे उसे काटने के बाद हाथ मे सरसों का तैल लगा ले .
कभी खाया नही ..:) बना के देख्नेगे कभी
बहुत बढिया अनोखी विधि +व्यँजन लिखी आपने -
परिवार के सभी के सँग दीपावली का त्योहार खुशोयोँ के सँग मनाओ यही शुभकाँक्षा है
स्नेह सहित -
- लावण्या
आपको सपरिवार दीपावली व नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
एकदम अलग से पकोडे ।
अरे वाह, पकौडियॉं तो मुझे बहुत पसंद है, वो भी जिमीकंद की हों तो क्या कहना।
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मॉं की गरिमा का सवाल है
प्रकाश का रहस्य खोजने वाला वैज्ञानिक
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