गीली हल्दी का अचार
एक कटोरी ----कद्दूकस की हुई गीली हल्दी ,एक कटोरी ---हरी मिर्च बारीक़ कटी हुई,चार चम्मस --सौंफ दरदरी कुटी हुई, राई की दाल---चार चम्मस एक चम्मस- हल्दी पावडर,आधा कटोरी मीठा तेल या ,सरसों का तेल,तीन चम्मस नमक,एक चुटकी काला नमक,एक चम्मस जीरा [बिना भुना हुआ]...५ नीबू का रस
बनाने का तरीका छिली हुई कद्दूकस की हल्दी और कटी हुई हरी मिर्च को ,हल्दी नमक,राई की दाल ,नीबू का रस ,काला नमक ,जीरा पावडर,मिलाकर कांच की बरनी में १२ घंटे के लिए बंद कर धूप मैं रख दें.....दुसरे दिन तेल मैं हिंग और मेथी दाने से तडका देकर ,ठंडा कर के अचार मैं मिक्स कर दें ...अचार तय्यार है तुरत या दो घंटे बाद ..आलू.मेथी या पालक के परांठों के साथ खाइए....नोट...इसे फ्रिज मैं रखे न तो ज्यादा दिनों तक चलेगा...हालांकि हल्दी बस अब जाने ही वाली है ...वसंत की शुभकामनाओं के साथ...
10 comments:
bahut baDiyaa kal banaate haiN
itni badiya aur saral receipe kae liyae thanks
हल्दी का अचार, वाह नया प्रयोग मिला करने के लिए! बहुत अच्छा!
बहुत बढ़िया रेस्पी बतायी आपने शुक्रिया
हमने इससे पहले इस अचार के बारे मे सुना ही नही था । देखते है बना के ।
सचमुच खाने में स्वाद होने के साथ ही यह जठराग्नि की वृ्द्धि करने वाला एवं वात्त सबंधी दोषों में भी लाभकारी है.
gili haldi matlab kacchi haldi se hi hai na ? ise try jaroor karungi
कच्ची हल्दी दिल्ली में मिलती है क्या य़ वैसे अचार बढा बढिया लग रहा है ।
waah ye sach kuch nayasa hai,jaur try karenge
ye achaar to pahali baar suna..bas kachchi haldi mil jaye, to turant dal lu.n
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