दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Saturday, February 7, 2009

गीली हल्दी का अचार

गीली हल्दी का अचार

एक कटोरी ----कद्दूकस की हुई गीली हल्दी ,एक कटोरी ---हरी मिर्च बारीक़ कटी हुई,चार चम्मस --सौंफ दरदरी कुटी हुई, राई की दाल---चार चम्मस एक चम्मस- हल्दी पावडर,आधा कटोरी मीठा तेल या ,सरसों का तेल,तीन चम्मस नमक,एक चुटकी काला नमक,एक चम्मस जीरा [बिना भुना हुआ]... नीबू का रस

बनाने का तरीका छिली हुई कद्दूकस की हल्दी और कटी हुई हरी मिर्च को ,हल्दी नमक,राई की दाल ,नीबू का रस ,काला नमक ,जीरा पावडर,मिलाकर कांच की बरनी में १२ घंटे के लिए बंद कर धूप मैं रख दें.....दुसरे दिन तेल मैं हिंग और मेथी दाने से तडका देकर ,ठंडा कर के अचार मैं मिक्स कर दें ...अचार तय्यार है तुरत या दो घंटे बाद ..आलू.मेथी या पालक के परांठों के साथ खाइए....नोट...इसे फ्रिज मैं रखे तो ज्यादा दिनों तक चलेगा...हालांकि हल्दी बस अब जाने ही वाली है ...वसंत की शुभकामनाओं के साथ...

-विधुल्लता

ताना-बाना

10 comments:

निर्मला कपिला said...

bahut baDiyaa kal banaate haiN

Anonymous said...

itni badiya aur saral receipe kae liyae thanks

Vinay said...

हल्दी का अचार, वाह नया प्रयोग मिला करने के लिए! बहुत अच्छा!

रंजू भाटिया said...

बहुत बढ़िया रेस्पी बतायी आपने शुक्रिया

mamta said...

हमने इससे पहले इस अचार के बारे मे सुना ही नही था । देखते है बना के ।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

सचमुच खाने में स्वाद होने के साथ ही यह जठराग्नि की वृ्द्धि करने वाला एवं वात्त सबंधी दोषों में भी लाभकारी है.

Bhawna Kukreti said...

gili haldi matlab kacchi haldi se hi hai na ? ise try jaroor karungi

Asha Joglekar said...

कच्ची हल्दी दिल्ली में मिलती है क्या य़ वैसे अचार बढा बढिया लग रहा है ।

Anonymous said...

waah ye sach kuch nayasa hai,jaur try karenge

कंचन सिंह चौहान said...

ye achaar to pahali baar suna..bas kachchi haldi mil jaye, to turant dal lu.n