बेसन की भरवाँ मिर्चें बहुत स्वादिष्ट लगती है और बनाना भी बहुत आसान है। इसे बनाने के दो तरीके हैं। मैं इस विधी के साथ दोनों तरीके बता रहा हूँ।
सामग्री:
10 बढ़िया और मोटी हरी मिर्चें
बेसन आठ छोटे चम्मच (उपर तक भरे हुए), राई जीरा, तड़का लगाने के लिए तीन चार टेबल स्पून तेल, नमक स्वादनुसार और आधे टेबल स्पून से थोड़ी कम हल्दी।
विधी:
सामग्री:
10 बढ़िया और मोटी हरी मिर्चें
बेसन आठ छोटे चम्मच (उपर तक भरे हुए), राई जीरा, तड़का लगाने के लिए तीन चार टेबल स्पून तेल, नमक स्वादनुसार और आधे टेबल स्पून से थोड़ी कम हल्दी।
विधी:
- हरी मिर्चों को अच्छी तरह से धो/ पोंछ कर उसका डंठल तोड़ दें, और उनमें उपर से नीचे तक एक लम्बा चीरा लगा कर उसमें से सावधानी से बीज निकाल दें। बीच निकालते समय चाकू की सहायता से निकालें अन्यथा हाथों में बहुत जलन होती है। (मेरे हाथों में दो दिन तक जलन रही)
- एक बड़ी साइज के कटोरे में बेसन लेकर उसमें थोड़ी से हल्दी, स्वादानुसार नमक, थोड़ी राई और जीरा मिला लें। इसमें लाल मिर्ची बिल्कुल नहीं डालनी है। अन्यथा इसके स्वाद के साथ सब्जी का रंग भी अच्छा नहीं होगा।
- इसमें पानी मिला कर इतना पतला करें कि जब हम इसे मिर्चों में भरें तब यह पूरा बाहर बहने ना लगे। यानि एकदम पतला या एकदम गाढ़ा नहीं होना चाहिए। अब इसमें एक चम्मच तेल डाल कर अचछी तरह से मिला कर मुलायम पेस्ट बना लें।
- चम्मच की सहायता से इस घोल को सभी मिर्चों में भर लें, भरने के बाद भी बेसन का लगभग आधा घोल बचना चाहिए।
- एक गहरे पैंदे की कड़ाही में तेल गर्म करें, राई डाल कर तड़का लें, जीरा डालें और सावधानी से एक-एक कर सारी मिर्चें उसमें रखते जायें।
- बचे हुए बेसन में थोड़ा पानी डाल कर अच्छी तरह से मिला कर कड़ाही में डाल लें, लगभग मिर्चें पानी में डूब गई होंगी। सावधानी से इसे हिला लें। पानी बहुत ज्यादा भी नहीं होना चाहिए।
- अब ढक्कन लगा लें थोड़ी देर रहने दें। बीच बीच में हिलाते रहें, याद रखें साइड और पैंदे में जो बेसन चिपक जाता है उसे निकाले नहीं, उसे चिपका रहने दें। यह बहुत स्वादिष्ट लगता है। कुछ देर में पानी उड़ जाएगा ( तेल भी दिखने लगेगा) अब गैस बन्द कर दें। आपकी बेसन की भरवाँ मिर्ची / बेसन की मिर्ची तैयार है। रोटी, पराठें या फुल्के के साथ खाएं।
- बेसन को तवे पर भून लें, जब इसका रंग लाल होने लगे और सिकने की खुशबु आने लगे तो गैस बन्द कर दें और पहली विधी की तरह घोलन बना कर मिर्ची में भरें।
- बेसन के घोलन के लिए पानी के साथ थोड़ा भी दही मिलाया जा सकता है।
28 comments:
mujhe bhook lag jaati hai , yaar , mujhe bhejo turant ye banakar ..
vijay
बनाने की कोशिश करती हूँ आज ही :) थैंक्स :)
ये तो जरूर बनाना चाहूँगी…………देखकर ही मूंह मे पानी आ रहा है।
अरे वाह जी..जरुर बनाते हैं.
रेसिपी थोड़ी सी अलग ,अब ऐसे भी बना लेते है ...
नाहरजी ब्लॉगर से शेफ बनते नजर आ रहे हैं... खुद तो नहीं बीवी को पढ़वाते हैं ताकि हम भी स्वाद ले सकें
ओहो बड़े भईया, अब ये आपको ही बनानी पड़ेगी, मुझे तो सख्त एलर्जी है मिर्ची के छौंक से, पर खाने से एलर्जी नहीं है। :P
badhiyaa lag rahaa aap kaa khanaa banaanaa sagar nahar ji
aur receipe dijiyae
मिर्च किसी भी रूप में खाने योग्य नहीं है। इसकी ज़रूरत केवल उन्हें है जिन्हें तब तक कोई स्वाद महसूस नहीं होता जब तक उनकी जीभ न तड़पे।
bahut badiya prastuti..
dekhkar aur padhkar muhn mein paani aa gaya..
try karte hai...
prastuti hetu aabhar!
ओह!!....यम्मी
लप-लप....मजा आ गया.....
मस्त तीखा है भाई....अआहा...सू सू ऊ ऊ
भूख जगाने के लिए धन्यवाद
बन रही है, खायेंगे भी
शोभा जी आपने बड़ी अच्छी रेसिपी बनाई है. खाने में मजा आ गया.
pahli baar aap ke blog par aana hua,swaadisht mirchen khaane ko mili swaagat me,shukriya
वाह!....बहुत बढ़िया चट-पाती रेसिपी मिल गई!...आभार!
वाह!...बहुत सुदर रेसिपी है!...जरुर बनाऊँगी!
Nice Blog! :)
क्या बात है मुह में पानी आ गया । बनानी पडेंगी ।
"दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे--"
--- वाह ! क्या कथन है( उपरोक्त)...डिश की टक्कर का है...
---काश ...सभी नारियां यह सोचने लग जायं....
बढिया मेरी श्रीमति जी को भी कुछ मिला आपके इस ब्लाग के जरिये
बेसनिया भिन्डी भी कभी आजमाइए .बढ़िया चीज़ पाक कला सिखाई है .आभार .
बहुत खूब | अच्छी रेसिपी बताई आपने |
मेरे ब्लॉग में भी पधारें |
मेरा काव्य-पिटारा
वाह!...आशाजी रेसिपीज दोनों ही बढिया है...पहले वाली रेसिपी से मैंने मिर्चे बनाई है...अब दूसरी भी आजमाउंगी!
भूख लग रही है। धन्यवाद ।
बहुत शानदार रचना आपको बहुत बधाई
नववर्ष 2013 की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।
ब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...
badhiya hai jee
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