दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Thursday, January 22, 2009

घुघरी

आजकल ज्यादातर जगहों पर जाड़े का मौसम चल रहा है और हरी मटर भी खूब मिल रही है तो क्यूँ घुघरी बना ली जाएइस घुघरी की खासियत ये है की आप इसे सुबह या शाम या जब भी मन हो बस मटर छीलिए और बना लीजिये । :) और हाँ ये बस १०-१५ मिनट मे बन भी जाती है

सामग्री --


हरी मटर के दाने - / किलो
बारीक कटी हुई हरी मिर्च -
बारीक़ कटा हुआ लहसुन --
बारीक़ कटा हुआ हरा धनिया
जीरा --/ चम्मच
oil या देसी घी -- या चम्मच
नमक --स्वादानुसार

विधि--
सबसे पहले हरी मटर को छील लीजिये और फ़िर एक कढाई मे oil या घी डालकर उसमे जीरा डाले फ़िर लहसुन और कटी हुई हरी मिर्च डाले और - सेकंड के लिए भूने जिससे लहसुन थोड़ा लाल हो जाए और फ़िर उसमे हरी मटर के दाने डालकर ढक दीजिये और आंच धीमी कर दीजिये और बीच-बीच मे चलाते रहिये जब मटर का पानी सूखने लगे तो उसमे नमक डाल दीजिये और थोडी देर और पकाइए और बस ऊपर से हरा धनिया डालकर सजा दीजिये हो गई घुघरी तैयार

वैसे हम कभी-कभी घुघरी मे एक आलू भी छोटा-छोटा काट कर डाल देते है :)

है आसान

लावण्या जी अगली पोस्ट मे निमोना के बारे मे लिखेंगे

4 comments:

Vinay said...

अभी हमने कल ही तो यह विधि आपने बतायी थी, दो बार हो गयी, चलो अब याद हो गया!


---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम

गरिमा said...

शानदार लगती है, वैसे मेरे गाँव मे इसे घुघुनी बोलते हैं, मुझे ये मसाले डालके भी अच्छी लगती है।

Asha Joglekar said...

कुछ जानी पहचानी सी लग रही है ये रेसिपी । हम लोग इसे प्याज लहसुन तथा हरि मिर्च का तडका लगा कर बनाते हैं आखिर में गरम मसाला डालकर काजू के टुकडे और किशमिश भी डालते हैं । मटर की उसळ
काफी पसंद की जाती है । य़ाद दिलाने का शुक्रिया ।

सीमा रानी said...

badhiya hai. khana pakane ke ham bhi shoukin hain.