दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।
हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ
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9 comments:
aare waah ye to bahut aasan aur bahut hi upayogi tip hai,shukran.
काम की टिप है...
bahut badiyaa tip hai aabhaar
टिप तो अच्छा है पर इसे आजमाने के लिये तो सब्जी बनाना सीखना पडेगा... वो भी बता दीजिए.
काम की बात!! जय हो आपकी.
और तीखा खाते हों तो?
बढ़िया टिप।
बधाई।
मुझे खाना पकाने का शौक है कल ही इसे आजमा कर देखता हूँ
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