दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Sunday, September 26, 2010

ओक्रा यानि की भिंडी---भिंडी की सब्जी

भिंडी तो खाई गई आप तस्वीर से काम चलायें


बहुत दिनो से हमारा दाल रोटी चावल बिना सब्जी के पड़ा हुआ था। सोचा आज आपको साथ में सब्जी भी परोस ही दी जाये। आप सोच रहे होंगे की हम भिंडी की सब्ज़ी बताने ही क्यों आये हैं? यह तो कोई भी बना लेगा। सच भी है लेकिन यहाँ आज ऎसी भिंडी की सब्जी बनाई जा रही है जो बुध्दू कामवाली के द्वारा काट कर फ़िर से धो दी गई है।


ये मंहगाई का मौसम और मेरे बगीचे की थोड़ी सी भिंडी। सोचिये तो जरा दिल पर क्या गुजरेगी?
खैर हम महिलायें हर मुसीबत का सामना कमर कस कर कर ही लेती हैं।

तो तैयार हो जाईये काट कर धुली हुई भिंडी से सब्जी बनाने के लिये।

इसके लिये सामग्री नोट करें---

भिंड़ी---जितनी भी है आपके पास
बेसन---इतना की भिंडी को अच्छे से लपेट ले
नमक---स्वादानुसार
मिर्च----इतनी ही जितनी आप खा सकें :)
अजवाईन---जरा सी (आधा किलो में एक चम्मच)
तेल---तलने के लिये

हरी मिर्च,अदरक,टमाटर,हरा धनिया, लहसुन छौंक के लिये।
नमक,मिर्च,हल्दी,धनिया,गरम मसाला।
जीरा हींग पीसा हुआ लहसुन बघार के लिये।

विधि----
सबसे पहले तैयार हो जाईये गलती से धुली भिंडी को काट कर फ़िर से धो देने के लिये।
अब भिंडी में नमक,अजवाइन, मिर्च तथा बेसन मिलाइये।
बेसन इतना ही मिलायें जितना भिंडी के पानी को सोख ले।
अब तलने के लिये तेल गरम करें और छोटी-छोटी साबूदाने की वड़ी के बराबर पकौड़ी तल लें।
एक दूसरी कढ़ाई में बघार के लिये तेल गरम करें। तेज़ गरम तेल में जीरा व हिंग डालें। इसके बाद कटा हुआ प्याज हरी मिर्च, पीसा लहसुन,अदरक का पेस्ट डाले और पकायें। जब खुशबू से पड़ौसी भी परेशान हो जाये तो उसमें तली हुई भिंडी डाल कर अच्छी तरह मिलायें। उपर से धनिया पाउडर,मिर्च पाउडर,हल्दी पाउडर,गरम मसाला अमचूर, या नीबूं, तथा नमक डाल कर पकायें।
धनिये से सजा कर खायें नज़र न लग जाये आपको पड़ौसियों को भी खिला दे भई। वैसे भी अकेले खाना हम भारतियों के हज़म नही होता :)

सुनीता शानू

10 comments:

Asha Joglekar said...

वाह सुनीता जी मुंह में पानी आ गया । बनाना पडेगी ये भिंडी ।

रचना said...

aap aayee bhindi laayee
aap kae bina sab suna thaa
kripa kar sabjiyaan parosti rahey

निर्मला कपिला said...

वाह बहुत मज़ेदार्! आज तो सब्जी बन गयी कल यही बनाते हैं।। धन्यवाद।

कंचन सिंह चौहान said...

vaise bhindi achchhi nahi lagti mujhe...bt aaj is e naam par munh me paani aa raha hai

office se lautate samay bhindi le jaungi aur achchi bani tobataungi

शरद कोकास said...

चित्र देखकर ऐसा लग रहा है कच्ची खा जायें

swaran lata said...

वाह सुनिता बहुत ही मजेदार लग रही है
जरुर बनायेंगे पढकर ही मुह में पानी आरहा है

शोभना चौरे said...

वाह सुनिताजी
अभी ४ बजे है पर लग रहा है शाम की सब्जी अभी ही बना लू ? भिन्डी राखी हुई भी है आनन्द आ गया पढ़कर |

सुनीता शानू said...

आशा जी निर्मला जी, रचना जी,शरद जी,कंचन जी, शोभना जी, स्वर्णा दी शुक्रिया आप सब की आभारी हूँ आपको सब्जी पसंद आई। जल्दी बनाईये भिंडी की ऋतु जाने वाली है भई।

देवेन्द्र पाण्डेय said...

आप लाख समझाएं हमको तो सिर्फ खाना ही आता है।

Udan Tashtari said...

स्वादिष्ट...