दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Sunday, April 27, 2008

हरी भरी ब्रेड ..

यह है एक बहुत ही पौष्टिक व्यंजन उन बच्चो के लिए उन बडो के लिए जो पालक का नाम सुनते ही खाने की मेज से भाग जाते हैं :) पर मुझे पालक बहुत पसंद है ..किसी भी रूप में ..यह विधि तब अजमाई मैंने जब मेरी दोनों बेटियाँ पालक का नाम यदि पनीर के साथ नही है तो सुनते ही भूख नही है का बहाना कर देती थी ..सोचा कि लगता है कुछ इस पालक जी के साथ एक्सपेरिमेंट करना ही होगा .जुगत लगानी होगी .ताकि यह खाने की मेज की शोभा बनी रहे .. सो जी दिमाग लगाया और देखा की बच्चो को यूं ही छुट पुट खाने में क्या भाता है ..हमारे घर में बेसन का चिल्ला बहुत बनता है क्यूंकि हमारी दोनों प्रिन्सिस को बहुत पसंद है यह ..जब तब इसकी फरमाइश होती रहती है ..सोचा इस तरह से कुछ बनाया जाए ..और मेरी तरकीब काम कर गई आज यह भी यह दोनों पालक पनीर के अलावा पालक को इस रूप में भी खाना पसंद करती है ..चलिए आपको बताती हूँ मैंने क्या किया पालक के साथ ..:)आपको लेना होगा इस के लिए ..

१ एक कटोरी मूंग छिलका दाल ...४ घंटे भिगो कर अच्छे से पीसी हुई



२ एक मध्यम गड्डी पालक ..साफ करके अच्छे से सिर्फ़ पत्ते रहने दे उसके डंठल निकाल दे और खूब चलते पानी से धो कर मिक्सी में पीस ले ..

३ नमक3 ,स्वादनुसार..
४ हरी मिर्च २ यदि आपको पसंद है तो बारीक कटी हुई

५ ४ कली लहुसन कद्द्कस किया हुआ

६ एक छोटा टुकडा अदरक का बारीक कटा हुआ

७ ४ चम्मच सूजी ..
८ ब्रेड पीस जितने आप बनाने चाहे :)
अब इन सब सामग्री को अच्छे से मिक्स कर के ५ से १० मिनट तक रख दे ..


नॉन स्टिक तवे पर हलका सा तेल लगाए और ब्रेड पीस को इस सामग्री में डुबो कर तवे पर करारा गुलाबी होने तक दोनों तरफ़ से सेंक ले ..पकने पर इसके चार पीस करे और गरम गर्म टमाटर कि चटनी के साथ खाए ..बहुत ही पौष्टिक हैं एक तरह से सम्पूर्ण भोजन इस में दाल भी है पालक भी और ब्रेड भी ...बच्चो को टिफिन में बना के दे .पसंद करेंगे ..और यदि आप इसको ब्रेड के साथ न बनाना चाहे तो सिर्फ़ इस सामग्री का चिल्ला भी बना सकती है ..सूजी का थोड़ा का प्रयोग और कर के ताकि यह आसानी से बन जाए ...कैसा लगा यह आईडिया जरुर बताये .:)


और चलते चलते मैं भी रचना की तरह दे देती हूँ आज का एक टिप :)क्यूंकि यह बहुत काम के होते हैं :)
घिया की सब्जी में यदि थोड़ा सा बेसन अलग से घी में भून के डाल दिया जाए तो सब्जी बहुत ही सव्दिष्ट बनती हैं ..आप कहेंगे की रंजू क्या सबको घिया पालक खिलाने पर तुल गई है पर आप एक बार ट्राई तो करे :) और खा के मुझे अपने कमेंट्स देना न भूले :)

4 comments:

Anonymous said...

aare wah ye to bahut badhiya hai ranju ji,bachhon ko vaise bhi hari sabji ke naam se chid hoti hai,hm nice something diff,bananeke baad result jarur batayenge aapko,abhi se muh mein swad ghula hai.

Anita kumar said...

वाह रंजना जी क्या आइडिया दिया है। चीला तो मुझे भी बहुत पसंद है और मै बेसन में ही पालक /मैथी/सुआ/हरा धनिया(खूब सारा) काट कर डालती हूँ और बाकी वो सब जो आप ने बताया पर मूंग की हरी दाल पीस कर भी वो अच्छा बनेगा हमें यकीन है।
एक टिप हम भी जोड़ दें क्या? अगर आप चीला इस डर से नहीं बनाते की उसमें तेल लगता है तो बिना तेल के भी बनाया जा सकता है । नॉन स्टिक तवे पर (थोड़ा गाढ़ा, पकौड़ी के लिए जैसे बनाते हैं) घोल फ़ैला कर उसे प्लेट से ढक दें और आंच धीमी कर दें दो मिनिट के लिए। वो अपनी ही स्टीम में पक जाएगा। बाद में उसे पलट कर आप की मर्जी है तेल लगाएं या नहीं।

रंजू भाटिया said...

शुक्रिया अनिता ...महक आप ने यह पढी और अनिता जी आपकी टिप तो बहुत ही अच्छी लगी .यही जरुरी है आज कल के लिए :) तेल कम स्वाद ज्यादा .शुक्रिया

मेनका said...

gud recipe..i hope it ll be very tasty.
can u suggets how can i use palak n anyother dal.