दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Thursday, June 12, 2008

कटहल का कबाब

वैसे भी आज कल बारिश का मौसम हैऔर कटहल का भी मौसम हैतो पकौड़ी से थोड़ा हटकर कुछ क्यों ना बनाया जाएतो चलिए आज कटहल का कबाब ही बना लेते हैकटहल का कबाब बनाना बहुत ही आसान है और खाने मे भी बहुत अच्छा होता है

सामग्री--
कटहल --/ किलो
चने की दाल-- छोटी कटोरी
प्याज(मीडियम )-- कटा हुआ
लहसुन--- छिले हुए
अदरक-- थोड़ा सा कटा हुआ
लौंग ---
बड़ी
और छोटी इलाइची ---
दालचीनी --एक छोटा टुकडा
जावित्री --छोटा टुकडा
जायफल -- जरा सा
कालीमिर्च -- -१० दाने
साबुत लाल मिर्च--
साबुत धनिया -- छोटा चम्मच
नमक --स्वादानुसार
रिफाइंड आयल -- सेकने के लिए
प्याज -- गोल-गोल लच्छे कटे हुए

विधि--
बस रिफाईंड आयल और गोल प्याज के लच्चे छोड़कर सारी सामग्री को कुकर मे कप पानी के साथ चढा दे और - सीटी बजने के बाद बंद कर देकुकर खोलकर देखें अगर पानी है तो आंच पर पानी सुखा ले और थोड़ा ठंडा होने पर मिक्सी मे पीस लेऔर इसके गोल-गोल कबाब बना ले
अब एक तवे पर थोड़ा सा आयल डालकर ये कबाब सेक ले और सर्व करने के पहले हर कबाब पर प्याज के गोल-गोल लच्चे रक्खे और बस जैसे इच्छा हो खाएंपराठे के साथ ,दाल-चावल के साथ या सिर्फ़ कबाब को हरी धनिया की चटपटी चटनी के साथ भी खा सकते है

नोट--फोटो तो लगानी थी पर कबाब खाने के बाद लिखने की याद आई। :)

7 comments:

Rachna Singh said...

photo iska laena sambhav hee kehaan tha ?? garam garam khana hota haen !!!!!!!!!!!

mehek said...

cool ike kawab bhi bante hai,achar suna tha,nice receipe

मीनाक्षी said...

एक विधि पहले भी दी गयी है...ओर अब यह कबाब .... :) कटहल खाना जितना पसंद है...उतना ही बनने में अनाडी.... अब मुंह में पानी आ रहा है... बाज़ार में देखना पड़ेगा...ओर लाकर बनाना ही पड़ेगा...

Abhishek Ojha said...

हम जैसे घास फूस वालों को कबाब खाने का मन करे तो अच्छा है.

रंजू भाटिया said...

आसान और नई विधि मिली बारिश के मौसम में खाने को शुक्रिया ममता जी

Anonymous said...

कटहल के कबाब वाकई लाजवाब हैं,फ़ोटो की कमी नहीं खली.

Unknown said...

humto kabhi marketnahi jate hai.
wo log bade khush nasheebhai jo ros kabab khate hai..