कच्ची अमिया एक
एक छोटी चम्मच सरसों का तैल
नमक , पीसी लाल मिर्च स्वाद अनुसार
एक चुटकी पीसी हल्दी
अमिया को छील ले । अब गुठली अलग करते हुए चारो तरफ़ से टुकडे काट ले । अब इन टुकडो को चकोर छोटे छोटे टुकडो मे काट ले , जितने छोटे आप कर सके । एक कटोरी मे ये टुकडे डाले ऊपर से नमक , हल्दी और पीसी लाल मिर्च डाले फिर सरसों का तैल डाल कर खूब अच्छी तरह मिला ले । बस कचूमर तैयार । पापा को ये बहुत अच्छा लगता था , खिचडी , रोटी , अरहर कि दाल सबके साथ वो इस को बहुत रूचि से खाते थे और बनाते भी ख़ुद ही थे । कुछ यादे वक्त के साथ भी धूमिल नहीं होती
4 comments:
हमें भी ये बहुत अच्छा लगता है।
बहुत सिम्पल और आपकी यादों में भी अब तक ताजा है, ये तो ट्राई करनी ही पड़ेगी
सच में यह बहुत अच्छा लगता है ..अरहर की दाल के साथ तो बेहद अच्छा
हमारे यहां इस कचूमर में बारीक कटा प्याज़ और हो सके तो कुछ पत्ती पुदीना भी डाला जाता है,और गर्मियों ,खासकर लू के दिनों में दोपहर के खाने में इसे ज़रूर शामिल किया जाता है क्यूंकि कच्ची अमिया और प्याज़ दोनों ही शीतलता वर्धक होने के कारण लू के असर को कम करते हैं.और हां हमारे यहां कोटा में इसे चुर्री कहते हैं.
Post a Comment