दाल रोटी चावल नव भारत टाईम्स मे भी पहुँच गयी हैं । आज लिंक देख रही थी तो इस लिंक पर http://navbharattimes.indiatimes.com/rssarticleshow/3535044.cms
अनुराग अन्वेषी जी ने लिखा हैं
चलिए आज चलते हैं एक ऐसी ही रसोई में, जहां पुरुष भी खाना पकाते मिलेंगे। सिर्फ मिलेंगे ही नहीं, वह आपको सिखाएंगे भी। इस रसोई का नाम है daalrotichaawal।blogspot.com । फिलहाल 26 रसोइये हैं यहां। निजी रसोई में सीखी रेसेपी बताने को आतुर। तो एक दफे यहां घूम आएं आप और फिर हमें लिख कर आमंत्रित करें कि यहां से सीखी चीज आप बना कर किस दिन खिला रहे हैं।
लिंक कुछ देर से मिला तो सभी रसोई के कर्णधारो को बधाई और अनुराग अन्वेषी जी को धन्यवाद .
8 comments:
बधाई हो आपलोगों को।
बधाई ! परन्तु यदि यह पुरुषों के खाना बनाने के कारण लिखा गया तो क्या कहें ?
घुघूती बासूती
आप सभी का धन्यवाद जो रसोई की महत्ता पहचानते हैँ!
नवभारत टाइम्स के जरीये और कई पाठक जुडोँगेँ ..
- लावण्या
Bahut bahut badhaayee karnadhaaron evam sootradhaaron ko.
badhai ho
haardik badhai.
घुघूती जी, आपकी बात सही है.
पुरुषों का खाना बनाना ही इतनी बड़ी स्टोरी थी तो दुनिया भर के सारे होटल, रेस्तौरेंट और ढाबों की रसोई पर ख़बर छापनी थी, एक ब्लॉग ही क्यों? या फ़िर इंटरनेट पर मौजूद पुरुषों का रसोई तैयार करना अजूबा है!
नया रूप रंग और अब नयी पहचान :)
सबको बधाई!
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