दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Tuesday, February 24, 2009

गुलकंद

(गुलाब से बना टॉनिक)
स्त्री हो या पुरूष सबके सौंदर्य का एक अनूठा टॉनिक है गुलकंद जो गुलकंद खाता है वो गुलाब सा हो जाता है ।
बनाने की विधि –दो तीन अंजली भर कर गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें ,अब कांच की बडे मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें अब चाय का बडा चम्मच चीनी डालें फिर पंखुडियां फिर चीनी अब एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें फिर उपर से पंखुडियां डालें फिर चीनी इस तरह से डब्बा भर जाने तक करते रहें इसे धूप में रख दें आठ दस दिन के लिये बीच- बीच में इसे चलाते रहें चीनी पानी छोडेगी और उसी चीनी पानी में पंखुडियां गलेंगी। (अलग से पानी नहीं डालना है) पंखुडियां पूरी तरह गल जाय यानि सब एक सार हो जाय ।लीजिये तैयार हो गया आपका सौंदर्य बढाने व बनाने वाला टॉनिक गुलकंद।

7 comments:

Shikha Deepak said...

सच है। गुलकंद बहुत लाभकारी होता है। जिन्हें फोड़े फुंसी होते हों वो इसका नियमित सेवन करें अवश्य लाभ होगा। मैंने ख़ुद आजमाया है।

रंजू भाटिया said...

बढ़िया है यह शुक्रिया

Rachna Singh said...

padma ji thanks

Anonymous said...

aare waah ye to bahut achhi receipe batayi,swathwarrdhak,gunkari.thanks

Bhawna Kukreti said...

bahut badhiya ji hum bhi aajmayenge

Padma Srivastava said...

dear bhawna thankx.

Padma Srivastava said...

apnee mahak gulab kee tarah bikheye