ऎसा नही की राजस्थान से खाली हाथ आये हैं आपके लिये लाये हैं ग्वारपाठे की खट्टी-मीठी सब्जी।
तो लीजिये बनाने के लिये तैयार हो जाईये...
ग्वार पाठा एक हर्ब ही नही एक स्वादिष्ट सब्जी भी बन सकता है जिसे आप खुशी-खुशी किसी भी समय पर बना सकते हैं...:)
बनाने की विधि---
सबसे पकले ग्वारपाठे की दोनो फ़ाँके अच्छी तरह से छील लीजिये,
उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर दीजिये
उन टुकड़ों को एक पतीले में पानी भर कर डाल दीजिये
उनमें डेढ़ चम्मच नमक व चुटकी भर हल्दी भी मिला दीजिये
उन टुकड़ों को पंद्रह मिनिट तक ऎसे ही पड़ा रहने दीजिये
उनके रंग में थोड़ा बदलाव होगा व लार की मात्रा भी कम हो जायेगी
अब ग्वारपाठे के टुकडो़ को पानी से अच्छी तरह धोकर कुछ देर छलनी में रहने दीजिये
एक कड़ाही में दो चम्मच देशी घी डालिये
घी के गर्म होने पर उसमे अजवाईन,हींग डालिये
जैसे ही बघार आने को तैयार हो जाये धुले हुए ग्वारपाठे के टुकड़े कड़ाही में छोड़ दीजिये
बचा हुआ आधा चम्मच नमक,हल्दी,धनिया,गरम मसाला डाल कर मिलाईए
पाँच मिनिट बाद पक जाने पर गुड़ अथवा चीनी जो पानी में घुल गया होगा सब्जी में छोड़ दीजिये
अमचूर डाल कर अच्छी तरह से पकाईये
रंग और स्वाद ही नही यह सब्जी लाजवाब बनेगी...जैसे चाहे खाईये
रोटी या पराँठे के साथ या ऎसे ही आप भी अँगुलियां चाटते रह जायेंगे।
सामग्री--चार लोगों के लिये
ग्वारपाठे की मोटे दल वाली फ़ांकें(जिसे पत्तियाँ या तना भी कह सकते है जिसके दोनो तरफ़ काँटे होते हैं)---2
देशी घी- 2 छोटे चम्मच
अजवाईन--- 1 छोटा चम्मच
हींग-- 1/6 छोटी चम्मच
गुड़ अथवा चीनी---25 ग्राम( 1/2 कफ पानी में भिगो दें)
मिर्च----1 छोटा चम्मच
हल्दी---1/2 छोटा चम्मच
धनियां---2 छोटे चम्मच
अमचूर---2 छोटे चम्मच
नमक---दो छोटे चम्मच
ग्वारपाठे की मोटे दल वाली फ़ांकें(जिसे पत्तियाँ या तना भी कह सकते है जिसके दोनो तरफ़ काँटे होते हैं)---2
देशी घी- 2 छोटे चम्मच
अजवाईन--- 1 छोटा चम्मच
हींग-- 1/6 छोटी चम्मच
गुड़ अथवा चीनी---25 ग्राम( 1/2 कफ पानी में भिगो दें)
मिर्च----1 छोटा चम्मच
हल्दी---1/2 छोटा चम्मच
धनियां---2 छोटे चम्मच
अमचूर---2 छोटे चम्मच
नमक---दो छोटे चम्मच
बनाने की विधि---
सबसे पकले ग्वारपाठे की दोनो फ़ाँके अच्छी तरह से छील लीजिये,
उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर दीजिये
उन टुकड़ों को एक पतीले में पानी भर कर डाल दीजिये
उनमें डेढ़ चम्मच नमक व चुटकी भर हल्दी भी मिला दीजिये
उन टुकड़ों को पंद्रह मिनिट तक ऎसे ही पड़ा रहने दीजिये
उनके रंग में थोड़ा बदलाव होगा व लार की मात्रा भी कम हो जायेगी
अब ग्वारपाठे के टुकडो़ को पानी से अच्छी तरह धोकर कुछ देर छलनी में रहने दीजिये
एक कड़ाही में दो चम्मच देशी घी डालिये
घी के गर्म होने पर उसमे अजवाईन,हींग डालिये
जैसे ही बघार आने को तैयार हो जाये धुले हुए ग्वारपाठे के टुकड़े कड़ाही में छोड़ दीजिये
बचा हुआ आधा चम्मच नमक,हल्दी,धनिया,गरम मसाला डाल कर मिलाईए
पाँच मिनिट बाद पक जाने पर गुड़ अथवा चीनी जो पानी में घुल गया होगा सब्जी में छोड़ दीजिये
अमचूर डाल कर अच्छी तरह से पकाईये
रंग और स्वाद ही नही यह सब्जी लाजवाब बनेगी...जैसे चाहे खाईये
रोटी या पराँठे के साथ या ऎसे ही आप भी अँगुलियां चाटते रह जायेंगे।
सुनीता शानू
8 comments:
kitnae din baad ek nayee receipe aayee
sunita kehaan thee ????
khae yae kal hio bantae haen
कभी सुना ही नहीं था इस डिश के बारे में. कोई बनाओ तो हमें भी खिला देना. यहाँ तो यह मिलने से रहा.
एकदम नई ही डिश सुनीता जी ने बता दी,मैंने घृतकुमारी (ग्वारपाठा)की सब्जी की कभी कल्पना भी नहीं की थी.
एकदम् नई सब्जी कभी देखी नही, कहीं ये एलोवेरा, जिसे मराठी में कोरफड बोलते हैं, तो नही ।
sahi kaha..Gwar pathe ki sabji bhi ban sakti hai..soch bhi nahi sakte
लीवर के रोगियों के लिए तो यह वरदान सिद्ध होगी।
बना के देखते हैं ..अच्छी विधि है .. शुक्रिया
स्वाद के अलावा इस के गुण क्या हैं,बताने का कष्ट करेंगी आप
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