दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।
जब भी उर्द की दाल के दही बड़े बनाने हो तो रात मे दाल भिगोते समय ही उसमे खाने वाला सोडा मिला दे । सुबह दाल को धो कर पीस ले । इस प्रकार से बड़े मे तैल कभी नहीं भरेगा ।
5 comments:
उपयोगी सुझाव।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद।
बडिया सुझाव आभार्
मुँह में पानी आ गया।
अच्छी टिप दी है।
धन्यवाद।
waah bhai! Achchaa tips diya aapne.
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