दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Wednesday, May 14, 2008

अमचूरी आलू

बडे साइज़ के चार आलू
काला जीरा एक छोटी चम्मच
पीसी लाल मिर्च एक छोटी चम्मच
अमचूर दो छोटी चम्मच
नमक स्वाद अनुसार
देसी घी दो बडे चम्मच
पानी आधा लीटर
गर्मी मे ये रेसिपी बहुत ही आसन है बनाना ।{ अनिता जी क्या आप इस के बारे मे कह रही थे ? क्योकि अभी एक आलू की डिश और हैं रसे की और रंजना हरिद्वारी आलू अगली रेसिपी होगी }
आलू को छील कर गोल गोल काट ले जैसे चिप्स के लिये काटा जाता हैं । बहुत पतला स्लाइस ना करे । आप चाहे तो चिप्स बनाने वाले स्लाईसर से भी इसके चिप्स जैसे बना सकते हैं ।
एक मोटी पेंदी वाले पीतल के पतीले को गरम करके इसमे घी डाले और घी मे जैसे ही धुआ निकले गैस कम करदे और फिर इसमे काला जीरा डाल दे । जीरा चटक जाए तो उसमे आलू डाल दे । ध्यान रखे आलू को धो कर आप ने पानी बिल्कुल सूखा दिया हो नहीं तो छीटा पड़ कर जलने का अंदेशा रहता हैं ।
आलू डालने के बाद २-३ मिनट तक इस आलू को घी मे पकने दे और हल्का हल्का उलटते पलटते रहें । फिर इसमे लाल मिर्च और नमक डाले । १ मिनट बाद इस मे दो गिलास { यानी आधा लीटर } पानी डाले । अब इसको ढक कर पकने दे । { प्रेशर कुक ना करे । } । जब आलू गल जाए तो उसमे अमचूर डाले और एक उबाल आने पर उतार कर गरम गरम परोसे । ये सब्जी ज्यादा गाढी नहीं की जाती हैं तो अगर आलू मे पानी कम लगे तो आप पानी की मात्रा को अपने हिसाब से कर ले ।
एक टिप
अमचूर बाज़ार मे पीसी खटाई के नाम से बिकती हैं । लेकिन हम लोग इस को घर मे बड़ी आसानी से बना लेते हैं । गर्मी के मौसम मे कच्चा आम या कैरी को छील कर सुखा ले और फिर मिक्सी मे पीस ले । कभी इसको डाल कर अमचूरी आलू बनाए आप को स्वाद मे फरक लगेगा ।

11 comments:

रंजू भाटिया said...

आज रात को यही बनेंगे ..अमचूर की विधि बहुत पसंद आई

Alok Dwivedi said...

इसमें कोई खास बात नहीं है, ऐसी चीजों से राज नहीं कर पायेंगी, नाराज जरूर कर सकती हैं।

mamta said...

आसान और अच्छी।

Udan Tashtari said...

बना कर बताता हूँ कैसा लगा. :)

पढ़्कर तो स्वादिष्ट लग रहा है.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

घर का आमचूर तो
और भी बढिया करेगा
इस रेसीपी को !

Anita kumar said...

रचना ये भी स्वादिष्ट लग रहे हैं पर ये वो आलू नहीं जो मैने बचपन में अपनी यू पी की सहेलियो के घर खाती थी।

Ila's world, in and out said...

such a simple recipe,will try it soon.

Anonymous said...

raju,mamta ,sameer, lavyna mam. anita mam thanks for readig the receipe
alok
i know its a simple receipe but as they say even a pawn can help to conquer the kingdom
may be u dont know how to play chess i am proficient at it

Alok Dwivedi said...

रचना जी, वाह,
बेहतर होगा कि आप शतरंज सिखाने के लिये भी एक ब्लाग शुरू कर दें,
मुझे नहीं पता था कि आप केवल तारीफ वाले कमेंट्स चाहती हैं

Anonymous said...

jarur aalok
jab blog shuru hoga chess ka aap ko invite bhej duggi
per tab tak aap email ur blog baanaa ley taaki sampark ho sakee
aur taareef aur buraai alag maslaa hae yahaan to raj paat ki baat chal rahee thee so woh sab to shatranjk ki chalo ka khel haen kab kisii seh kur kab kiski maat
राज नहीं कर पायेंगी kaa jwaab diyaa tha
नाराज जरूर कर सकती हैं। iskii mae chinta nahin kartee

Alok Dwivedi said...

आपका आदेश शिरोधार्य, ब्लाग जरूर बनेगा,
लेकिन तब
जब आलोचना सह सकने की शक्ति हो जायेगी।
जब कम शब्दों में अधिक कहने का हुनर सीख लूंगा।