दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Saturday, May 31, 2008

कटहल का आचार

छिला कटा हुआ कटहल आधा किलों
नमक , २ छोटी चम्मच
हल्दी , २ छोटी चम्मच
कुटी लाल मिर्च , २ छोटी चम्मच
सौफ , २ छोटी चम्मच
कलोंजी , २ छोटी चम्मच
हींग , एक चुटकी
सरसों का तेल आधा लीटर
एक पतीले मे इतना पानी डाले जिस मे कटहल पूरा भीग सके ।
इस पानी को खोला ले और जब पानी मे उबाल आजाये तो गैस बंद करके इस मे धुला हुआ कटहल डाल दे । कटहल को इस मे केवल १ -२ मिनट तक ही पानी मे रखना है ।
कटहल को पानी से निकाल कर तुरंत किसी कपडे पर रखे और धूप मे कुछ मिनट रख दे । जैसे ही कटहल का पानी सूख जाए इस मे सारे मसाले डाल दे । इस मिश्रण को किसी भी बर्तन मे डाल कर खूब हिलाए ताकि मसाला मिल जाए ।
इसके बाद जिस बरनी या बोतल मे आप को ये आचार रखना हो उसमे ये मिश्रण डाल दे और ऊपर से सरसों का तेल डाले । तेल इतना डाले की पूरा मिश्रण उसमे डूब जाए ।
अब इस आचार को दो दिन धुप मे रख दे और फिर ये खाने के लिये तैयार हैं ।
ये आचार उस समय बहुत काम आता हैं जब कभी सब्जी बनाने का मन ना हो ।

एक टिप
आचार जितने दिन रखना हो कटहल के टुकडे उतनी बडे काटे । जितने बडे टुकडे होगी आचार उतनी देर मे पकेगा और ज्यादा समय तक आप इसे preserve कर सकेगे । अगर तुरंत खाना हैं तो टुकडे छोटे रखे और आचार डाले के दो दिन बाद से ही खाने के लिये तैयार हो जाता हैं ।

अब बना भी ले !!!!!!!!

5 comments:

Anonymous said...

hamara pasandida aachar,bahut swadist hai

Ila's world, in and out said...

essy recipe, will definitely try it out.

शोभा said...

रचना जी
कटहल का अचार पढ़कर मुँह में पानी आ रहा है। पढ़ने में तो आसान लग रहा है। बना कर देखती हूँ।

रंजू भाटिया said...

कटहल का अचार वाह ..आज कल तो इसका खूब मौसम है बना के देखते हैं

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

sounda very tasty ...will surely try ..thanx Rachna ji ...