दाल रोटी चावल सदियों से नारी ने इसे पका पका कर राज्य किया हैं , दिलो पर , घरो पर। आज नारी बहुत आगे जा रही हैं सब विधाओं मे पर इसका मतलब ये नहीं हैं कि वो अपना राज पाट त्याग कर कुछ हासिल करना चाहती हैं। रसोई की मिलकियत पर से हम अपना हक़ तो नहीं छोडेगे पर इस राज पाट का कुछ हिस्सा पुरुषो ने होटल और कुछ घरो मे भी ले लिया हैं।

हम जहाँ जहाँ ये वहाँ वहाँ

Monday, May 12, 2008

वांगी भात

अक्सर विवाह समारोहों में यह व्यंजन बनाया जाता है और खूब चाव से खाया जाता है ।
घर में भी आप इसे काफी आसानी से बना सकते हैं । पर सुनने के लिये तैयार रहिये कि
शादी वाले वांगी-भात का मजा नही आया । नही नही मैं भला आपको ऐसा सुनवाऊँगी ।
सारी बारीकियों के साथ लाई हूँ ये रेसिपी ।
सामग्री – २ कटोरी बासमती चावल, १२५ ग्राम छोटे बेंगन चार फांक किये हुए लेकिन पूरे न काटें, कढी पत्ता १० -१५ पत्ते, हरा धनिया कटा हुआ , जीरा २ चम्मच, सूखा धनिया २ चम्मच, नारियल सूखा कद्दूकस किया हुआ २-३ बडे चम्मच, मराठी गरम मसाला या गोडा मसाला, १-१.५ चम्मच, काजू ८-१० नग (यदि चाहें तो ) कढी पत्ता ३-४ , काली सरसों १छोटा चम्मच, हल्दी चौथाई चम्मच, लालमिर्च पिसी आधा चम्मच , तेल ३ बडे चम्मच, नमक स्वादानुसार, एक छोटी डली गुड या आधा चम्मच चीनी। दही आधी कटोरी .




विधी – चाँवलों को १५-२० मिनिट पहले धोकर रखें । धनिया जीरा और नारियल अलग अलग भून कर सूखा पीस लें । अब एक बडे भिगोने में या कुकर में तेल गरम करें , सरसों डाल कर चटखायें, करी पत्ता डालें फिर करीपत्ता, हल्दी और लाल मिर्च डालें और चावल तथा बैंगन डाल कर भूनें । एक पतीली में ४ कटोरी से थोडा कम पानी उबालें, चावल भुन जाने पर पानी डाल दें । नमक, गुड, गोडा मसाला डाल कर कम आंच पर १० मिनिट पकायें अब दही डालें और सूखे पिसे मसालें डाल कर एक बार हलके से चला दें । ढक्कन रख कर अच्छी भाप आने दें। फिर कटा हरा धनिया डाल कर गरम गरम परोसें । काजू डालनें हो तो तड़के मे डाल सकते हैं या तल कर ऊपर से सजा सकते हैं पर तडके में डालने से अच्छा स्वाद आयेगा । स्वाद और बढाना हो तो अंत में एक चम्मच देसी घी डाल कर परोसें । कैसा लगा आपको ये वांगी भात, बतायें जरूर ।

गोडा मसाला बनाने की विधी
१ कटोरी सूखा धनिया
चौथाई कटोरी जीरा
१ बड चम्मच काली मिर्च
५-६ दालचीनी के टुकडे
१ बडा चम्मच लौंग
४-५ तेज पत्ते
२ बडे चम्मच तिल
२ बडे चम्मच सूखा नारियल कद्दूकस किया हुआ
इन सब चीजों को अलग अलग भूनकर मिक्सी में पाउडर बनाकर मिला लें, हो गया गोडा मसाला तैयार ।

5 comments:

अजित वडनेरकर said...

बहुत बढ़िया रेसिपी लाई हैं आशा ताई। इसके बारे में सुना ही था । रोजमर्रा के विशुद्ध महाराष्ट्रीय व्यंजन तो हमने बहुत कम खाए हैं अलबत्ता पक्वान्न तो त्योहारों पर खूब खाने को मिलते हैं। इसे मैं आज ही आजमाता हूं। शुक्रिया ...

Udan Tashtari said...

बढ़िया रेसिपी है, आभार. कोशिश करते हैं कभी.

Anita kumar said...

धन्यवाद आशा ताई, वांगी भात खाया तो कई बार है पर बनाना आज आप से सीखा।

रंजू भाटिया said...

यह अच्छा हुआ हर प्रान्त का खाना बनाने और खाने को मिलेगा यहाँ .बना के देख्नेगे जरुर इसको

mamta said...

आशा जी ये तो एकदम नई रेसिपी है और हमने तो नाम ही पहले बार सुना है।